'बैड बैंक' में जाएंगे 50,000 करोड़ रुपये के ऋण | अभिजित लेले और सुब्रत पांडा / मुंबई January 28, 2022 | | | | |
नैशनल एसेट रीकंस्ट्रक्शन लिमिटेड (एनएआरसीएल) या बैड बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) समेत सभी मंजूरियां मिल गई हैं, जिसके बाद वह अपना परिचालन शुरू करेगा। ऋणदाता वित्त वर्ष 2022 के आखिर तक पहली किस्त में कुल 50,000 करोड़ रुपये के 15 बड़े फंसे ऋण खाते इसे सौंप देंगे।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा, 'एनएआरसीएल और इंडियन डेट रिजॉल्यूशन कंपनी लिमिटेड (आईडीआरसीएल) की स्थापना के लिए आरबीआई समेत सभी आवश्यक मंजूरियां मिल गई हैं और दोनों कंपनियां अपना कारोबार शुरू करने के लिए तैयार हैं।' ऋणदाताओं ने अब तक 83,000 करोड़ रुपये राशि के 38 खाते चिह्नित किए हैं, जिन्हें बैड बैंक में हस्तांतरित किया जा सकता है। शुरुआत में अनुमान जताया गया था कि बैंकिंग प्रणाली के करीब 2 लाख करोड़ रुपये के फंसे ऋण चिह्नित किए जाएंगे और समाधान के लिए बैड बैंक को हस्तांतरित किए जाएंगे, लेकिन यह आंकड़ा घट गया है। इस राशि में बदलाव इसलिए हुआ है क्योंकि प्रणाली में कुछ परिसपत्तियों का समाधान हो गया है। एसबीआई चेयरमैन ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि अंतिम आंकड़ा करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये होगा।' उन्होंने कहा कि हालांकि अब तक 83,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां चिह्नित की गई हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हस्तांतरण के लिए 83,000 करोड़ रुपये के अलावा अन्य खाते नहीं हैं। शेष खातों के लिए प्रक्रिया अब भी चल रही है और शायद ऐसा अगले वर्ष के दौरान चरणबद्ध तरीके से होगा। देश का सबसे बड़ा ऋणदाता एसबीआई लीड बैंक है, जिसके 15 चिह्नित खातों में से 12 खाते हैं। बैंक बैड बैंक को 20,000 करोड़ रुपये के ऋण हस्तांतरित करेगा।
हालांकि एनएआरसीएल पर मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का स्वामित्व है, लेकिन आईडीआरसीएल पर निजी क्षेत्र के बैंकों का स्वामित्व है। इस व्यवस्था के मुख्य विशेषताएं यह हैं कि एनएआरसीएल बैंकों से चिह्नित फंसे ऋण खातों को अधिग्रहीत एवं एकत्रित करेगा, जबकि आईडीआरसीएल एक विशेष व्यवस्था के तहत कर्ज समाधान प्रक्रिया को संभालेगा।
खारा ने कहा कि यह व्यवस्था मुख्य एजेंट आधारित होगी और समाधान की अंतिम मंजूरी एवं स्वामित्व एनएआरसीएल के पास रहेगा। यह व्यवस्था वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन और प्रतिभूति हित प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम तथा आरबीआई के आउटसोर्सिंग दिशानिर्देशों के मुताबिक होगी। खारा ने कहा, 'मुख्य एजेंट का संबंध केवल एनएआरसीएल और आईडीआरसीएल के बीच एक व्यवस्था कायम करने तक रहेगा। खातों के समाधान की क्षमता के मामले में आईडीआरसीएल को पूर्ण स्वतंत्रता होगी।' एसबीआई ने अपने दो अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा है। इनमें माधवन नायर को एनएआरसीएल का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी बनाया गया है, जबकि मनीष मखारिया को आईडीआरसीएल का प्रमुख बनाया गया है। एनएआरसीएल 15:85 के ढांचे पर चिह्नित फंसी परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करेगा। इसमें यह बिक्री मूल्य का 15 फीसदी भुगतान नकद करेगा और शेष 85 फीसदी के लिए सिक्योरिटी रिसीप्ट्स (एसआर) जारी करेगा। ये एसआर हस्तांतरण करने वाले कर्जदाताओं के पक्ष में जारी की जाएंगी, जिनकी गारंटी सरकार द्वारा दी गई है। पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने एनएआरसीएल द्वारा जारी सिक्योरिटी रिसीप्ट्स के एवज में 36,000 करोड़ रुपये की गारंटी की मंजूरी दी थी। इस पूरी परिसंपत्ति हस्तांतरण प्रक्रिया में कुछ देरी हुई है। कुछ खबरों में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक इसके ढांचे को लेकर बहुत ज्यादा खुश नहीं था। लेकिन खारा ने कहा कि अब तक जो समय लगा है, वह भिवष्य में आ सकने वाली कुछ दिक्कतों को दूर करने में लगा है ताकि दोनों कंपनियां सुचारु रूप से चल सकें। खारा ने कहा, 'आईडीआरसीएल से बेहतर समाधान तकनीक आने, मूल्य को संरक्षित करने, ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों को दर्शाने और घरेलू एवं विदेेशी निवेशक और एआईएफ को लुभाने में मदद मिलने की संभावना है।'
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