नोटिस की अवधि में काम न करने वाले कर्मचारियों से सामान्यतया कंपनियां हर्जाना वसूलती हैं। अगर वह कंपनी महाराष्ट्र में है तो वसूली गई राशि पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान नहीं करना होगा, लेकिन मध्य प्रदेश में यह छूट नहीं है। कीटनाशकों और विभिन्न तरह के बीज का विनिर्माण करने वाली कंपनी साइनजेंटा इंडिया लिमिटेड अपने उन कर्मचारियों से हर्जाना लेती है, नोटिस की अवधि पूरी किए बगैर नौकरी छोड़ देते हैं। रोजगार नीति के तहत कंपनी अपने कर्मचारियों को विभिन्न प्रोत्साहनों की पेशकश करती है, जिसमें ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी, पैरेंटल इंश्योरेंस पॉलिसी शामिल है। इसके लिए वह कर्मचारियों से पैसे लेती है। कंपनी ने महाराष्ट्र अथॉरिटी फार एडवांस रूलिंग (एएआर) से संपर्क साधा कि क्या कर्मचारियों से पैरेंटल इंश्योरेंस और नोटिस से की गई वसूली पर जीएसटी लागू होगा या नहीं। एएआर ने आदेश दिया कि इस तरह की रिकवरी पर जीएसटी लागू नहीं होगा। इसके पहले भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेज से जुड़े एक मामले में मध्य प्रदेश एएआर ने कहा कि बगैर नोटिस अवधि पूरी किए नौकरी छोडऩे या कम नोटिस अवधि पूरी करने का मामला सेवा की आपूर्ति से जुड़ा मसला है और कंपनी द्वारा इस मद में वसूली गई राशि पर जीएसटी लागू होगा। एकेएम ग्लोबल में पार्टनर-टैक्स संदीप सहगल ने कहा कि नोटिस पे रिकवरी पर जीएसटी का मसला अब अलग अलग रूलिंग के कारण जटिल हो गया है। उन्होंने कहा, 'जीएसटी कानून के तहत सेवाओं की परिभाषा बहुत व्यापक है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस मसले पर विचार करके स्थिति साफ करने की जरूरत है।'
