भारत और पांच मध्य एशियाई देशों (सीएआरएस) कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के बीच एक नई संस्थागत शिखर स्तरीय वर्चुअल वार्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इन देशों के राष्ट्रपतियों के बीच गुरुवार को शुरू हुई। इस वार्ता में संपर्क, व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई जिसमें चाबहार बंदरगाह पर एक संयुक्त कार्यसमूह बनाने की बात भी शामिल थी। भारत-सीएआरएस शिखर सम्मेलन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और सीएआर के बीच हुई इसी तरह के शिखर सम्मेलन के कुछ दिनों बाद आयोजित किया गया है। अफगानिस्तान और आसपास के पड़ोसी देशों को इस चर्चा में प्रमुखता से जगह दी गई और अफगानिस्तान पर एक आधिकारिक संयुक्त कार्य समूह बनाने की बात भी की गई। हालांकि विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन (जो कजाकिस्तान का पड़ोसी है) के मुद्दे और यूक्रेन में रूस द्वारा सैन्य बलों के संभावित प्रयोग पर 'बैठक में चर्चा नहीं की गई'। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा को भारत और मध्य एशिया के देशों के लिए एकसमान 'चिंता का विषय' करार दिया और गुरुवार को कहा कि सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्य को हासिल करने के लिए भारत और मध्य एशिया के देशों का आपसी सहयोग अनिवार्य है। डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हुए अपने आरंभिक संबोधन में मोदी ने यह बात कही।
