विश्व की सबसे बड़ी स्पिरिट फर्म डियाजियो पर डोरे डालने की विजय माल्या की कोशिश के आड़े कानून आ गया है। माल्या अपनी शराब कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स (यूएसएल) में डियाजियो को रणनीतिक भागीदार बनाना चाहते हैं। दोनों कंपनियों के बीच गठजोड़ सौदे के लिए पिछले एक साल से बातचीत चल रही है जिसमें डियाजियो ने उम्मीद जताई कि वह यूएसएल में 1200 करोड़ रुपये में 14 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर लेगी। मौजूदा घटनाक्रम से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर यूएसएल के शेयर में लगभग 6.5 फीसदी तक की गिरावट आ गई और यह 668 रुपये पर बंद हुआ। डियाजियो इस रुख पर कायम है कि वह यूनाइटेड स्पिरिट्स के साथ संभावित गठजोड़ की समीक्षा कर रही है। यूएसएल के चेयरमैन विजय माल्या ने एक बयान में कहा है कि जहां डियाजियो के साथ बातचीत तीव्र गति से आगे बढ़ रही है वहीं कानून या एकाधिकार मुद्दों को लेकर कुछ ढांचागत समस्याएं भी हैं जिन्हें दूर करने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि माल्या ने कानून या एकाधिकार मुद्दों के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया। यूनाइटेड स्पिरिट्स के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि एकाधिकार के मुद्दे अमेरिका या ब्रिटिश बाजारों में तेजी से गहरा सकते हैं। यह माना जा रहा है कि अगर डियाजियो यूनाइटेड स्पिरिट्स में हिस्सेदारी हासिल कर लेती है तो इसका मतलब यह हो सकता है कि डियाजियो की स्कॉटलैंड की स्कॉच व्हिस्की फर्म व्हाइटे ऐंड मैके में अप्रत्यक्ष भागीदारी कायम हो जाएगी। व्हाइटे ऐंड मैके फर्म यूनाइटेड स्पिरिट्स के पूर्ण स्वामित्व वाली फर्म है और यूरोपीय महाद्वीप में इसकी मजबूत बाजार भागीदारी है। यूनाइटेड स्पिरिट्स ने 2007 में 1.2 अरब डॉलर में व्हाइटे ऐंड मैके को खरीदा था। यूएसएल इस फर्म को पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के तौर पर चला रही है। उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि स्कॉच व्हिस्की और वोदका सेगमेंट में डियाजियो और यूनाइटेड स्पिरिट्स की बड़ी बाजार हिस्सेदारी है और दोनों के बीच गठजोड़ वाकई एकाधिकार कायम कर देगा। एक विश्लेषक ने कहा, 'अगर यह सौदा हो जाता है तो पारपंरिक (स्कॉच व्हिस्की) और युवा (वोदका) बाजारों में डियाजियो और यूनाइटेड स्पिरिट्स का संयुक्त उत्पादन बेहद महत्वपूर्ण होगा।' भारत में अपने कई वैश्विक ब्रांड बेचने वाली डियाजियो ने व्हिस्की ब्रांड 'मास्टरस्ट्रोक' की बिक्री के लिए भारत की रेडिको खैतान के साथ एक साझा उपक्रम बनाया है। यह साझा उपक्रम 2006 में बनाया गया था। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे सौदों के पूरा होने में वक्त लगता है। ब्रिटेन की स्कॉटिश ऐंड न्यूकैसल के साथ माल्या के सौदे का उदाहरण देते हुए अधिकारियों ने कहा कि अपनी शीतल पेय कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज में रणनीतिक निवेशक के तौर पर स्कॉटिश ऐंड न्यूकैसल के साथ सौदे को अमली जामा पहनाने में लगभग 18 महीने का वक्त लगा था। माल्या ने पहले स्वयं यह कहा था कि ऐसे सौदों को किसी समय-सीमा से नहीं बाधा जा सकता। माल्या इस चाहत के साथ भी डियाजियो से हाथ मिलाना चाहते हैं कि यह यूनाइटेड स्पिरिट्स को एक वैश्विक मंच मुहैया कराएगी। इसके अलावा यह गठजोड़ यूनाइटेड के मजबूत वितरण नेटवर्क के जरिये डियाजियो को भी भारत में अपनी बिक्री बढ़ाने में सफलता दिलाएगा। माल्या इस सौदे को अंजाम देकर यूनाइटेड स्पिरिट्स में कर्ज भार को भी कम करना चाहते हैं।
