कृषि संबंधी ड्रोन का खर्च उठाएगा केंद्र | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली January 21, 2022 | | | | |
विभिन्न कृषि परिचालनों में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने शायद पहली बार एफपीओ, कृषि विज्ञान केंद्र, कस्टम हायरिंग सेंटरों और व्यक्तिगत लोगों को भी ड्रोन की खरीद के लिए धन से सहयोग करने का निर्णय लिया है।
कृषि में मशीनीकरण पर उप मिशन की ओर से जारी किए गए ताजे दिशानिर्देशों के मुताबिक केंद्र सरकार कृषि प्रशिक्षण संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा 10 लाख रुपये तक के ड्रोन की खरीद पर उन्हें 100 फीसदी रकम और किसान उत्पादक संगठनों (एफीओ) को 75 फीसदी रकम मुहैया कराएगी।
इसके अलावा केंद्र प्रयोग के उद्देश्य से ड्रोन की खरीद करने या किराये पर लेने वाली एजेंसियों को प्रति हेक्टेयर 6,000 रुपये का वित्तीय सहयोग भी मुहैया कराएगा। शोध संस्थानों और एफपीओ के अलावा केंद्र सहकारी संस्थाओं और एफपीओ द्वारा स्थापित मौजूदा कस्टम हायरिंग केंद्रों को ड्रोन की खरीद के लिए 40 फीसदी वित्तीय समर्थन जो कि 4 लाख रुपये तक होगा, मुहैया कराएगा। वहीं, कृषि स्नातकों स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटरों द्वारा ड्रोन की खरीद पर 50 फीसदी या 5 लाख रुपये तक का सहयोग मुहैया कराया जाएगा।
ड्रोनों की खरीद के लिए प्रस्ताव केवल 31 मार्च, 2023 तक भेजे जा सकते हैं।
इस निर्णय का स्वागत करते हुए ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि 8 से 10 लाख रुपये की लागत वाले ड्रोन मॉडल के साथ इस निर्णय से अग्रणी कृषि शोध और कृषि प्रशिक्षण संस्थानों के लिए कृषि ड्रोन की खरीद को लगभग मुफ्त कर दिया गया है।
शाह ने कहा, 'ये संस्थान ड्रोन खरीदने के बाद देश भर में इसका प्रदर्शन करेंगे ताकि कृषि ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल सके। एफपीओ, सीएचसी और कृषि उद्यमी के लिए सब्सिडी वाले कृषि ड्रोनों की खरीद से ड्रोन किफायती होंगे जिसके परिणामस्वरूप इनको अपनाने की रफ्तार तीव्र होगी।'
कुछ हफ्ते पहले केंद्र कृषि उद्देश्यों के लिए ड्राने के इस्तेमाल के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) लेकर आया था जिसमें कीटनाशक दवाओं और पौधा रसायनों का छिड़काव भी शामिल था। मंत्रालय के मुताबिक कीटनाशक के छिड़काव के लिए ड्रोन विनियमन के लिए एसओपी में महत्त्वपूर्ण पहलुओं को कवर किया गया है।
एसओपी के मुताबिक परिचालकों को केवल स्वीकृत कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए।
उन्हें कीटाणुशोधन और प्राथमिक उपचार सुविधाओं को साफ करना होगा और सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से कम से कम 24 घंटे पहले कीटनाशक दवाओं के हवाई छिड़काव के बारे में सूचित करना होगा। मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा, पायलटों को कीटनाशकों के नैदानिक प्रभावों सहित विशिष्ट प्रशिक्षण से गुजरना चाहिए।
एसओपी में उड़ान भरने की अनुमति, क्षेत्र की दूरी संबंधी प्रतिबंधों, भार वर्गीकरण, अति भीड़ वाले इलाकों से संबंधित प्रतिबंध, ड्रोन पंजीकरण, सुरक्षा बीमा, पायलटिंग प्रमाणन, परिचालन योजना, हवाई उड़ान क्षेत्रों और मौसम की दशाओं जैसे विभिन्न महत्त्वपूर्ण पहलुओं को भी शामिल किया गया है।
परंपरागत कृषि व्यवस्थाओं में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव या तो हाथ से किया जाता है या फिर टैक्टर पर रखे गए छिड़काव मशीन से जिनमें उच्च मात्रा में कीटनाशकों और पानी का इस्तेमाल किया जाता है और इस प्रक्रिया में छिड़काव की एक बड़ी मात्रा वातावरण में जाने से बेकार हो जाती है।
वहीं, ड्रोन के साथ लगाए जाने वाले छिड़काव मशीनों के लिए पानी के साथ साथ कीटनाशकों का इस्तेमाल कम मात्रा में होता है।
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