सार्वजनिक निवेश से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर बहुत ज्यादा असर होता है और यह आर्थिक रिकवरी का मुख्य साधन है। इसे देखते हुए आगामी बजट में मोदी सरकार वित्त वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का लक्ष्य 6.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर सकती है। बजट के आंकड़ों को अभी अंतिम रूप दिया जाना है। चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 22) में वित्त मंत्रालय में बजट बनाने वालों के बीच यह चिंता है कि पूंजीगत व्यय का लक्ष्य संभवत: हासिल नहीं किया जा सकेगा। बहरहाल सूत्रों ने कहा कि यह कमी मामूली होगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कोविड-19 की तीसरी लहर के कारण राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर कहा, 'बहुत कुछ मौजूदा जनवरी-मार्च तिमाही पर निर्भर होगा। अगर फरवरी और मार्च में बहुत ज्यादा व्यवधान नहीं होता है तो पूंजीगत व्यय के लिए तय किए गए बजट लक्ष्य के आसपास ही खर्च होगा।' कोरोना के प्रतिबंधों के कारण पूंजीगत व्यय का प्रवाह प्रभावित हुआ है।चालू साल का पूंजीगत व्यय बजट अनुमान (बीई) वित्त वर्ष 21 के 4.39 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 26 प्रतिशत ज्यादा है। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि अगले साल के लक्ष्य में सालाना बढ़ोतरी इसी स्तर की होगी। दूसरे अधिकारी ने कहा, 'केंद्र की प्राथमिकता बुनियादी ढांचे पर व्यय बढ़ाकर आर्थिक गतिविधियों, खपत और नौकरियों के सृजन को बढ़ावा देने की रही है। राज्यों व निजी क्षेत्र को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। वित्त वर्ष 23 में भी यही प्राथमिकता होगी।' अगर यह मान लें कि चालू वित्त वर्ष का 6.54 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का लक्ष्य हासिल कर लिया जाता है तो इसमें 25 प्रतिशत बढ़ोतरी करने पर भी अगले साल के पूंजीगत व्यय का बजट अनुमान 6.9 लाख करोड़ रुपये होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं और वह नियमित रूप से विभिन्न मंत्रालयों जैसे रेलवे, राजमार्ग, बिजली, जहाजरानी, कोयला और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अलावा सरकारी कंपनियों के साथ बैठकें कर रही हैं, जिससे विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी की जा सके। इन सभी पहलों की बुनियाद में 111 लाख करोड़ रुपये की नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन और पीएम गतिशक्ति नैशनल मास्टरप्लान है। दूसरे का मकसद बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को लेकर राज्यों व केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना और प्रभावी निगरानी करना है।
