दिलीप बिल्डकॉन के शेयरों पर बिकवाली का दबावजारी है और यह शेयर शुक्रवार को कारोबारी सत्र में 4 फीसदी टूटकर 52 हफ्ते के निचले स्तर 388.05 रुपये को छू गया। अंत में यह शेयर 390 रुपये पर बंद हुआ। आज की गिरावट पांच हफ्ते के उस ट्रेंड से जुड़ गई, जिसके तहत कंपनी का शेयर 30 फीसदी से ज्यादा टूटा है जबकि कंपनी स्पष्ट कर चुकी है कि उसके किसी भी अधिकारी या आवासीय परिसरों पर छापा नहीं पड़ा है। दिलीप बिल्डकॉन ने 2 जनवरी को कहा था, इस संबंध में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि सीबीआई की जांच टीम ने कंपनी परिसर व संबंधित कार्यकारी निदेशक के भोपाल के आवास का दौरा किया और परिचालन व वित्तीय सूचनाएं मांगी, जो कुछ निश्चित अधिकारियोंं व कर्मचारियों से संबंधित थी। इसके बाद 8 जनवरी को दिलीप बिल्डकॉन ने एक्सचेंजों को सूचित किया कि उशके कार्यकारी निदेशक को हिरासत से मुक्त कर दिया गया। हालांकि पिछले तीन महीने में शेयर में गिरावट का रुख रहा है और सितंबर तिमाही में कमजोर क्रियान्वयन के चलते 43 फीसदी टूटा है। इसकी तुलना में एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स 0.5 फीसदी नीचे है। बड़ी परियोजनाओं के सुस्त क्रियान्वयन, देर तक मॉनसून के टिके रहने, जिंस की कीमतोंं खास तौर से बिटुमन, डीजल व स्टील में तेजी आदि से एबिटा मार्जिन सिकुड़कर 10.6 फीसदी रह गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा, जिंसों की कीमतोंं में उतारचढ़ाव से ईपीसी परियोजनाओं में प्राइस एस्कलेशन कवरेज घटकर 50-60 फीसदी और ईपीसी एचएएम में 40 फीसदी रह गया, बाकी में एन्युटी भुगतान मिला। इसलिए आने वाले समय में मार्जिन 14-15 फीसदी के दायरे में रह सकता है। वित्त वर्ष 22 की पहली छमाही मेंं दिलीप बिल्डकॉन ने शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की है और यह 7.7 करोड़ रुपये रह गया जबकि वित्त वर्ष 21 की पहली छमाही में यह 81.10 करोड़ रुपये रहा था। एबिटा मार्जिन 401 आधार अंक घटकर 11.87 फीसदी रह गया।
