बैंकों के शुद्ध लाभ में 36 प्रतिशत इजाफे के आसार | अभिजित लेले / मुंबई January 14, 2022 | | | | |
दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही) के दौरान सूचीबद्ध बैंक अपने शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 38,153 करोड़ रुपये के साथ 36.3 प्रतिशत का इजाफा दर्ज कर सकते हैं, जिसे दबावग्रस्त ऋणों के मामले में प्रावधान का बोझ कम करने से मदद मिली है।
ब्लूमबर्ग के अनुमानों के अनुसार क्रमिक रूप से शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही के 39,022 करोड़ रुपये से 2.2 प्रतिशत घट सकता है। यह अनुमान विश्लेषकों के उस आकलन पर आधारित है, जिसमें 19 ऋणदाता - छह सार्वजनिक क्षेत्र के और 13 निजी बैंक शामिल हैं।
घरेलू ब्रोकरेज मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कमाई में तेजी आने के आसार हैं, जो कारोबार/शुल्क की आय में सुधार और ऋण लागत में धीरे-धीरे कमी से प्रेरित है। इस राय से सहमति जताते हुए एक अन्य घरेलू ब्रोकरेज एमके ने कहा कि इसके दायरे में आने वाले बैंकों द्वारा बेहतर वृद्धि, शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) और इसमें शामिल प्रावधानों से संचालित दमदार लाभ दर्ज किए जाने की संभावना है। ब्लूमबर्ग के आकलन में कहा गया है कि सालाना आधार पर शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 5.4 प्रतिशत इजाफे के साथ वित्त वर्ष 21 की तीसरी तिमाही के 1.59 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही में 1.68 लाख करोड़ रुपये होने की संभावना है। क्रमिक रूप से यह 1.66 लाख करोड़ रुपये से केवल 1.5 प्रतिशत ही बढ़ सकती है।
कोष (निवेश) से होने वाली आमदनी शुद्ध आय के लिहाज से महत्त्वपूर्ण होती है और आमदनी में कमी आने से आय में उनका योगदान सीमित हो सकता है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि बॉन्ड की बढ़ती आमदनी बैंकों के बॉन्ड पोटफोलियो के लिहाज से उनके लिए चुनौती पैदा करेगी, जिससे लाभ की संभावना कम होगी और नुकसान की संभावना अधिक। बेंचमार्क 10-वर्षीय सरकारी प्रतिभूति (जी-सेक) पर प्रतिफल 23 दिसंबर, 2021 तक बढ़कर 6.46 प्रतिशत हो गया था, जो 30 सितंबर, 2021 तक 6.22 प्रतिशत और 30 जून, 2021 तक 6.05 प्रतिशत था।
बैंकिंग क्षेत्र की एक पूर्व समीक्षा में कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि एनआईएम पिछली तिमाहियों के समान रहने की संभावना है तथा कोष की तरफ से योगदान में और गिरावट आने के आसार हैं।
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