अमेरिका से पोर्क आयात को अनुमति | श्रेया नंदी / नई दिल्ली January 11, 2022 | | | | |
भारत द्विपक्षीय व्यापार समझौते के हिस्से के रूप में अमेरिका से पोर्क और पोर्क उत्पादों के आयात पर सहमत हो गया है। इससे भारत को अमेरिका में आम और अनार के निर्यात की सुविधा मिलेगी।
दोनों देशों ने दो महीने पहले भारत अमेेरिका ट्रेड पॉलिसी फोरम (टीपीएफ) का नवीकरण किया था, उसके बाद यह प्रगति सामने आई है। टीपीएफ के नवीकरण के बाद दोनों देश उन मसलों के समाधान को सहमत हुए थे, जिसमें कृषि उत्पादों की बाजार तक पहुंच का मसला शामिल है।
यूएस ट्रेड रिप्रजेंटेटिव कैथरिन ताई ने एक बयान में कहा, 'अमेरिकी पोर्क के आयात को पहली बार अनुमति देने को लेकर भारत के साथ समझौता अमेरिकी उत्पादकों व भारत के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। हम भारत अमेरिका व्यापार संबंध को मजबूत करने का काम जारी रखेंगे। इस महत्त्वपूर्ण प्रगति के लिए सुविधा प्रदान करने में उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की कवायदों की सराहना करती हूं।'
2020 में अमेरिका विश्व का तीसरा बड़ा पोर्क उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक था। इसके उत्पादों की वैश्विक बिक्री का मूल्य 7.7 अरब डॉलर है। वित्त वर्ष 21 में अमेरिका ने भारत को 1.6 अरब डॉलर से ज्यादा के कृषि उत्पादों का निर्यात किया था।
अमेरिका के कृषि सचिव टॉम विलसैक ने कहा कि यह समझौता अमेरिकी पोर्क के लिए भारतीय बाजार तक पहुंच हासिल करने के लिए लगभग दो दशकों की कवायद का परिणाम है। आयात की बहाली की तिथि की जानकारी अभी नहीं है, लेकिन अमेरिकी पोर्क का भारत को निर्यात जल्द शुरू हो जाएगा। इसी तरह से भारत आम का निर्यात शुरू करेगा, जो अल्फांसो किस्म के निर्यात से शुरू होगा, जिसका नया सीजन मार्च में शुरू होता है।
वाणिज्य विभाग ने एक बयान में कहा है, 'अमेरिका के उपभोक्ता अब भारत से बेहतरीन गुणवत्ता के आम पा सकेंगे। भारतीय आमों का अमेरिका को निर्यात 2020 से प्रतिबंधित था, क्योंकि अमेरिकी कृषि विभाग के इंसपेक्टर कोविड-19 की वजह से अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने में सक्षम नहीं थे।'
हाल में जिस समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है, उसके मुताबिक भारत और अमेरिका दोनों ही भारत के आम और अनार को अमेरिका निर्यात किए जाने और अमेरिका से भारत को चेरी और अल्फाफा भेजे जाने के मामले में रेडिएशन के संयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।
वित्त वर्ष 18 में भारत ने अमेरिका को 800 टन आम का निर्यात किया था। मूल्य के हिसााब से 27.5 लाख डॉलर का निर्यात हुआ था। इसी तरह वित्त वर्ष 19 में 36.3 लाख डॉलर का 951 टन आम भेजा गया था। जबकि वित्त वर्ष 20 में 43.5 लाख रुपये का 1,095 टन आम भेजा गया।
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