कार्यस्थल पर जाने वालों की घटी तादाद | सचिन मामबटा और कृष्णकांत / January 10, 2022 | | | | |
देश में कोविड-19 के बढ़ते मामले के बीच प्रमुख आर्थिक संकेतकों में मंदी का रुख देखा जा रहा है। 10 जनवरी के सरकारी डेटा के मुताबिक देश में 24 घंटे में 179,723 मामले दर्ज किए गए हैं। कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन की वजह से देश मेंं पिछले 10 दिनों मेंं संक्रमण में कई गुना की तेजी आई है। महामारी की शुरुआत होने के दौर से पहले की तुलना में कार्यस्थल पर जाने की वृद्धि कम होकर 2.4 फीसदी तक की कमी आई। सर्च इंजन गूगल के मोबिलिटी डेटा के मुताबिक दिसंबर के अंत तक वृद्धि ने 7.6 फीसदी के स्तर को छू लिया। यह अनाम लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है ताकि इस बात का अंदाजा मिले कि लोगों की गतिविधि महामारी के दौरान कैसी है।
खुदरा खरीदारी और मनोरंजन के लिए कहीं आने-जाने के रुझान में भी कमी आई है। सड़क पर कुछ कम वाहन हैं। वैश्विक लोकेशन तकनीक कंपनी टॉम टॉम इंटरनैशनल के आंकड़े दर्शाते हैं कि ट्रैफिक यातायात में कमी आई है और नई दिल्ली में 55 फीसदी जबकि मुंबई में 69 फीसदी तक की कमी है। यह डेटा सोमवार सुबह 9 बजे तक के लिए है।बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का जायजा लेता है जो औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की वजह से होता है। ज्यादा गतिविधियों के दौरान इसका स्तर बढ़ जाता है और जब गतिविधियों मेंं कमी आती है तब इसमें भी गिरावट आती है जैसा कि 2020 में राष्ट्रीय स्तर के लॉकडाउन के वक्त देखा गया था। दिल्ली का उत्सर्जन 2019 के स्तर से 19 फीसदी कम था। वहीं मुंबई में इस गैस का उत्सर्जन कम ही रहा। भारतीय रेलवे के आंकड़े की वृद्धि भी प्रभावित हुई। रेल के जरिये माल ढुलाई की मात्रा पिछले हफ्ते के 9.3 फीसदी से कम होकर 7.8 फीसदी हो गई। माल ढुलाई के जरिये होने वाली भारतीय रेल की आमदनी में वृद्धि, पिछले हफ्ते के 12.9 फीसदी की तुलना में 11.2 फीसदी रही।
पिछले हफ्ते बिजली का उत्पादन सालाना आधार पर अधिक रहा लेकिन साप्ताहिक आधार पर इसमें मामूली रूप से कमी रही क्योंकि देश के कुछ प्रमुख हिस्से में तापमान कम होने की वजह से ऊर्जा की मांग में कमी आई। देश के बिजली संयंत्रों में 9 जनवरी 2022 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान रोजाना औसतन 3,68.5 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ जो पिछले हफ्ते के 369.7 करोड़ यूनिट से 0.3 फीसदी कम है। पिछले हफ्ते बिजली उत्पादन, वित्त वर्ष 2021 के समान हफ्ते की तुलना में 3.1 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 के समान हफ्ते के बिजली उत्पादन की तुलना में 6.1 फीसदी अधिक था।
साप्ताहिक आर्थिक संकेतकों से अर्थव्यवस्था की मौजूदा तस्वीर का अंदाजा मिलता है। वृहद अर्थव्यवस्था के आधिकारिक आंकड़े अक्सर देर से जारी किए जाते हैं। वैश्विक स्तर पर भी विश्लेषक समान संकेतकों का जायजा ले रहे हैं। इससे जमीनी हकीकत का ज्यादा अंदाजा मिलता है क्योंकि कई देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं जिससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है। गूगल के डेटा देर से जारी किए जाते हैं। बाकी सभी डेटा रविवार 9 जनवरी के हैं।
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