जनवरी में एफपीआई ने फिर बढ़ाई खरीदारी | सुंदर सेतुरामन / मुंबई January 09, 2022 | | | | |
पिछले तीन महीनों में शुद्घ बिकवाल बने रहने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) जनवरी में शुद्घ खरीदार बन गए। नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (एनएसडीएल) के आंकड़े के अनुसार, एफपीआई ने जनवरी में 2,568 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। पिछले तीन महीनों के दौरान ये विदेशी निवेशक यानी एफपीआई 35,984 करोड़ रुपये के शुद्घ बिकवाल रहे थे।
सूचकांकों द्वारा रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद अक्टूबर में बिकवाली शुरू हुई। मूल्यांकन को लेकर अनिश्चितता, मौद्रिक नीति समर्थन को लेकर चिंताओं और ओमीक्रॉन वैरिएंट से बिकवाली को बढ़ावा मिला।
हालांकि एफपीआई जनवरी के शुरू में शुद्घ खरीदार बन गए। विश्लेषकों का कहना है कि वर्ष के शुरू में शुद्घ खरीदारी एक मजबूत दांव थी, क्योंकि भारत ओमीक्रॉन वैरिएंट का अच्छी तरह से मुकाबला करते दिखा है।
इसके अलावा, परर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) और जीएसटी आंकड़े इसका संकेते थे कि भारतीय नए वैरिएंट के बावजूद अर्थव्यवस्था अभी भी रिकवरी के मोड में बनी हुई है।
हालांकि कोविड मामलों की संख्या में वृद्घि से चिंता फिर से पैदा हो गई है। भारत ने पिछले 24 घंटों में (शनिवार सुबह 8 बजे तक) कोविड के 141,986 मामले दर्ज किए। विश्लेषकों का कहना है कि 2022 की पहली तिमाही में एफपीआई प्रवाह इस पर निर्भर करेगा कि क्या नए वैरिएंट के लिए सख्त लॉकडाउन की जरूरत होगी या नहीं।
विश्लेषकों का कहना है कि भारत अन्य उभरते बाजारों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन कर सकता है, या फिर मामूली निकासी दर्ज की जा सकती है। पूंजी प्रवाह बढ़ती ब्याज दरों को लेकर पैदा होने वाली चिंताओं की वजह से एक बार फिर से पैदा हो सकती है, क्योंकि एफपीआई वृद्घि पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
केंद्रीय बजट और वित्तीय परिणाम सीजन के दौरान कॉरपोरेट कमेंट्री ऐसे अन्य घटनाक्रम हैं जिन पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी।
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