मजबूत त्योहारी और विवाह सीजन की मांग की वजह से सूचीबद्घ आभूषण कंपनियों ने दिसंबर तिमाही में शादार घरेलू बिक्री वृद्घि दर्ज की। जहां सबसे बड़ी सूचीबद्घ रिटेलर टाइटन कंपनी (टाइटन) ने बिक्री में सालाना आधार पर 37 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की है, वहीं तिमाही में कल्याण ज्वैलर्स ने 37 प्रतिशत की तेजी दर्ज की है। एक साल पहले की तिमाही के ऊंचे आधार को देखते हुए बिक्री में वृद्घि महत्वपूर्ण है। जहां टाइटन ने 16 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की, वहीं कल्याण की वृद्घि की आंकड़ा भी दो अंक में रहा। टाइटन प्रबंधन ने संकेत दिया है कि अक्टूबर और नवंबर में त्योहारी खरीद आभूषण मांग और राजस्व वृद्घि में तेजी के लिए जिम्मेदार थी। तिमाही में सभी स्टोर खुले रहे, जिसे देखते हुए आवाजाही में तेजी दर्ज की गई और कंपनी ग्राहक आकर्षित करने में सक्षम रही थी। तीसरी तिमाही में टाइटन के ज्वैलरी सेगमेंट समेत उसकी दो वर्षीय सालाना वृद्घि दर 26 प्रतिशत पर दर्ज की गई। एमके रिसर्च के असित देसाई और देवांशु बंसल के अनुसार मजबूत बिक्री सीएजीआर, महामारी पूर्व स्तर के मुकाबले आकार में करीब 15 प्रतिशत की तेजी पर केंद्रित थी। तीसरी तिमाही में नए स्टोरों की वृद्घि 14 पर रही जिसके साथ ही कुल स्टोरों की संख्या बढ़कर 428 हो गई। प्लेन और जड़े हुए आभूषण, दोनों श्रेणियों में दो अंक की बिक्री वृद्घि दर्ज की गई जिसके साथ ही कंपनी ने संकेत दिया है कि बिक्री वृद्घि एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले कुछ हद तक अच्छी रही। एक साल पहले की तिमाही में कुल बिक्री में जड़े हुए आभूषण का योगदान 26 प्रतिशत था, जबकि सितंबर तिमाही में 30 प्रतिशत था। यह मुनाफे के दृष्टिकोण से सकारात्मक होगा, क्योंकि इस सेगमेंट ने बेहतर मार्जिन हासिल किया है। शेयरखान के विश्लेषकों का कहना है कि कम स्वर्ण कीमतों, आभूषण डिविजन में बेहतर समावेश और अन्य डिविजनों में मजबूत सुधार से सकल मार्जिन सालाना आधार पर मजबूत बना रहेगा। उन्हें उम्मीद है कि टाइटन का समेकित परिचालन मुनाफा मार्जिन सालाना आधार पर 150 आधार अंक तक बढ़कर वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में 12.6 प्रतिशत हो जाएगा। इसके अलावा, कुल परिचालन मुनाफा वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 34 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है। टाइटन के लिए सकारात्मक बात यह है कि घड़ी और चश्मों के लिए बिक्री वृद्घि सालाना आधार पर 27-28 प्रतिशत रही और यह उम्मीद से बेहतर है। कल्याण ज्वैलर्स ने यह भी कहा है कि सकल मार्जिन में पिछली दो तिमाहियों में सुधार आया है और यह कोविड से पहले जैसी स्थिति के आसपास है। मुनाफे के मोर्चे पर बढ़त गैर-दक्षिण भारतीय बाजार से राजस्व की बढ़ती भागीदारी और जड़े हुए आभूषणों के बढ़ते योगदान की वजह से दर्ज की गई। सादा ज्वैलरी खंड के साथ साथ जड़े हुए आभूषण में गैर-दक्षिण भारत में, उच्च कीमत वाले सेगमेंट में ऊंची भागीदारी से मार्जिन को मजबूती मिली है। दक्षिण भारतीय बाजार का कल्याण के राजसव में 65-70 प्रतिशत का योगदान है। कल्याण ज्वैलर्स के कार्यकारी निदेशक रमेश कल्याणरमण का मानना है कि मजबूत टीकाकरण और त्योहारी मांग की वजह से बिक्री में सुधार आया है और लोग संगठित एवं बड़े स्टोरों में जाना पसंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके अलावा असंगठित कंपनियों के लिए नकदी तथा इन्वेंट्री संबंधित समस्याओं की वजह से बाजार भागीदारी वृद्घि में लगातार तेजी आई है। कंपनी ने तिमाही में 5 नए शोरूम खोले और इसके साथ उसके शोरूमों की संख्या बढ़कर 151 हो गई। जहां ढांचागत विकास, मांग में सुधार और बाजार भागीदारी में लगातार तेजी आई है, वहीं अल्पावधि समस्याएं भी बनी हुई हैं। दिल्ली (स्टोर वैकल्पिक दिनों में खुलते हैं), पश्चिम बंगाल (शाम 5 बजे तक खुलने की अनुमति है), कर्नाटक (सप्ताहांत में बंद) और चेन्नई (रविवार को बंद) का ग्राहकों की आवाजाही पर प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा, पिछले साल मार्च तिमाही मजबूत अवधि रही, जिसका मतलब हो सकता है कि कंपनियों के लिए ओमीक्रॉन वैरिएंट के प्रसार को देखते हुए शानदार प्रदर्शन करने की राह में चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। मजबूत तीसरी तिमाही और बाजारों में उत्साह के बावजूद बड़ी सूचीबद्घ आभूषण कंपनियों के शेयर पर दबाव दिखा है।
