रिलायंस ने हिस्सेदारी या अधिग्रहण पर 5.7 अरब डॉलर खर्चे | सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली January 09, 2022 | | | | |
रिलायंस ने पिछले 4 साल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में अधिग्रहण एवं निवेश पर 5.7 अरब डॉलर खर्च किए हैं। इसने हाल में पिछले सप्ताह ही न्यूयॉर्क में लक्जरी होटल मंदारिन ऑरियंटल की बहुलांश हिस्सेदारी 9.82 करोड़ डॉलर में और एक हाइपर लोकल डिलिवरी प्लेटफॉर्म डंजो में 25.8 फीसदी हिस्सेदारी 20 करोड़ डॉलर में अधिग्रहीत की है। अगर रिलायंस का फ्यूचर समूह के खुदरा कारोबार को खरीदने का सौदा परवान चढ़ जाता तो उसका निवेश 9 अरब डॉलर पर पहुंच जाता। रिलायंस का यह सौदा एमेजॉन के साथ कानूनी विवाद में फंस गया है। फ्यूचर मामले में कामयाबी नहीं मिलने के बावजूद रिलायंस भारत में निवेश करने वाली बड़ी वैश्विक निजी इक्विटी कंपनियों को टक्कर दे रही है। इनमें से एक सॉफ्टबैंक है, जिसने पिछले एक दशक में 14 अरब डॉलर का निवेश किया है। वहीं नेस्पर्स की डिजिटल इकाई प्रोसस ने वर्ष 2005 से 6 अरब डॉलर का निवेश किया है, जो उसे बिलपे के अधिग्रहण की मंजूरी मिलने के बाद 10 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा।
निजी इक्विटी कंपनियों के विपरीत रिलायंस ने ज्यादातर निवेश पिछले चार साल में किया है। यह उनसे इतर अपने निवेशकों के निवेश पर प्रतिफल (आरओआई) के लिए निकासी या अपनी हिस्सेदारी को बेचने पर विचार नहीं कर रही है। विश्लेषकों का कहना है कि रिलायंस ने अपनी रणनीति बदल ली है। अब यह पहले ही तरह सब अपने बलबूते पर ही करने से बच रही है। उनका कहना है कि रिलायंस के निवेश एवं अधिग्रहण एक बड़ी योजना का हिस्सा हैं ताकि तकनीक की खाई को पाटा जा सके, अपने बलबूते वृद्धि में लगने वाला समय बचाया जा सके और जहां संभव हो, वहां साझेदारों के साथ मिलकर दूरसंचार, खुदरा, नवीकरणीय ऊर्जा, मीडिया, मनोरंजन जैसे कारोबारों को तेजी से बढ़ाया जा सके।
रिलायंस ने वर्ष 2021 में हिस्सेदारी लेकर या पूरा ही अधिग्रहण कर बहुत सी कंपनियों में 1.8 अरब डॉलर का निवेश किया। उनमें छह नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियां (इसका वृद्धि का बड़ा नया क्षेत्र) और जस्ट डायल (76.7 करोड़ डॉलर) शामिल हैं। इसका 1.8 अरब डॉलर का आंकड़ा 2.48 अरब डॉलर के उस आंकड़े से बहुत अधिक पीछे नहीं है, जो ब्लैकस्टोन के तीन फंड प्रबंधकों ने संयुक्त रूप से निवेश किया है। ये तीन फंड प्रबंधक वीसीसीएज के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में शीर्ष 10 पीई निवेशकों में शामिल हैं।
रिलायंस का आंकड़ा अमेरिका स्थित टीएफएसीसी इंटरनैशनल के निवेश 4.14 अरब डॉलर के मुकाबले भी सम्मानजनक है। रिलायंस का निवेश सीपीपी इन्वेस्टमेंट बोर्ड, बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया, एडवेंट इंटरनैशनल और टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट के निवेश से भी अधिक है। ये भी शीर्ष 10 की सूची में शामिल हैं। रिलायंस का 2021 में बहुत से क्षेत्रों में आगाज तगड़ा रहा है। इनमें एक प्रमुख क्षेत्र फैशन है, जहां इसने फैशन डिजाइन हाउस में हिस्सेदारी खरीदी है। हालांकि इन फैशन सौदों का खुलासा नहीं किया गया है। इनमें डिजाइन रितु कुमार, मनीष मल्होत्रा और अनामिका खन्ना द्वारा चलाई जा रही कंपनियों में हिस्सेदारी भी शामिल है। इसके अलावा रिलायंस ने अमान्टे और जिवामे को खरीदा है, जिनकी लॉन्जरी कारोबार में मौजूदगी है। इसने ऑनलाइन दूध डिलिवरी प्लेटफॉर्म मिल्कबास्केट का अधिग्रहण किया है। हालांकि इस राशि का खुलासा नहीं किया गया है।
रिलांयस का सबसे ज्यादा निवेश अब भी दूरसंचार और इंटरनेट में है। कंपनी और मॉर्गन स्टैनली के अनुमानों के मुताबिक इसने इन दो क्षेत्रों में 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया है। कंपनी का तीसरी सबसे ज्यादा निवेश नए ऊर्जा कारोबार में है।
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