एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा ताजा पुन: वर्गीकरण पहल में जोमैटो, पीबी फिनटेक, वन 97 कम्युनिकेशंस और एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स जैसी नए जमाने की कंपनियों ने लार्जकैप श्रेणी में जगह बनाई है। बीपी फिनटेक (पॉलिसीबाजार) और वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) जैसे शेयरों ने अपने निर्गम भाव के मुकापबले नीचे कारोबार किया है। माइंडट्री, एसआरएफ, आईआरसीटीसी, टाटा पावर, जेएसडब्ल्यू एनर्जी जैसे शेयर मिडकैप से लार्जकैप श्रेणी में पहुंचने में सफल रहे हैं। लार्जकैप में पहुंचने वाले शेयरों ने पिछले एक साल में बेहतर प्रदर्शन किया है और 1180-190 प्रतिशत के दायरे में प्रतिफल दिया है बाजार कारोबारियों का कहना है कि कई शेयरों के लार्जकैप श्रेणी में शामिल होने से वे इक्विटी फंड प्रबंधकों के लिए ज्यादा आकर्षक बन गए हैं। मौजूदा समय में, फंड प्रबंधकों को एक शेयर में योजना की राशि का 10 प्रतिशत तक निवेश करने की अनुमति है। इस बीच, बंधन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बायोकॉन और एनएमडीसी जैसी कंपनियों लार्जकैप श्रेणी से मिडकैप श्रेणी में शामिल हुई हैं। ये बदलाव फरवरी से जुलाई 2022 की अवधि से लागू होंगे। स्टार हेल्थ एवं अलायड इंश्योरेंस, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी, देवयानी इंटरनैशनल जैसी ताजा सूचीबद्घ कंपनियों ने मिडकैप श्रेणी में जगह बनाई है। एडलवाइस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लार्जकैप के लिए बाजार पूंजीकरण की सीमा 47,600 करोड़ रुपये है, जबकि मिडकैप के लिए यह 16,200 करोड़ रुपये पर है।एडलवाइस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'कुल बाजार पूंजीकरण में, लार्जकैप शेयर (टॉप 100) का 71.4 प्रतिशत (जुलाई समीक्षा) के मुकाबले 68.8 प्रतिशत योगदान है। वहीं मिडकैप शेयरों (101-250) का पूर्व (जुलाई समीक्षा) 16.27 प्रतिशत के मुकाबले 16.9 प्रतिशत योगदान है। स्मॉलकैप शेयरों (251 से नीचे) का जुलाई समीक्षा के 12.29 प्रतिशत के मुकाबले 14.3 प्रतिशत का योगदान है। स्मॉलकैप शेयरों की प्रतिशत भागीदारी करीब 2 प्रतिशत तक बढ़ी है, क्योंकि इसे स्मॉलकैप शेयरों में कीमतों के अच्छे प्रदर्शन से मदद मिली है और हाल में 32 प्रतिशत सूचीबद्घ आईपीओ को स्मॉलकैप श्रेणी में जगह मिली।'
