लाख करोड़ रु. बाजार पूंजीकरण वाले क्लब का 2021 में विस्तार | सुंदर सेतुरामन / January 07, 2022 | | | | |
एक लाख करोड़ रुपये या उससे ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाली फर्मों की संख्या साल 2021 में बढ़कर 49 हो गई, जो एक साल पहले 29 थी। साल 2021 में जिन कंपनियों ने एक लाख करोड़ रुपये एमकैप वाली सूची में जगह बनाई उनमें अदाणी एंटरप्राइजेज, डाबर, गोदरेज कंज्यूमर और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल हैं। साल 2019 में जो कंपनियां लाख करोड़ रुपये वाले क्लब में शामिल हुई थी वह पिछले साल अपनी स्थिति बनाए रखने में कामयाब रही।
बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि लाख करोड़ रुपये बाजार पूंजीकरण वाले क्लब का विस्तार पिछले साल इक्विटी बाजारों में आई तेजी का स्वाभाविक परिणाम है। साल 2021 में बेंचमार्क सेंसेक्स में 22 फीसदी की उछाल दर्ज हुई।
उच्च बारंबारता वाले संकेतकों में सुधार, देसी संस्थागत व खुदरा निवेशकों की उत्साहजनक भागीदारी से देसी आर्थिक परिदृश्य को लेकर आशावाद और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों की सहज मौद्रिक नीतियों ने पिछले साल इक्विटी को आगे बढऩे में काफी मदद की।
एक लाख करोड़ रुपये एमकैप के क्लब में पीएसयू की भागीदारी मजबूत हुई है और एनटीपीसी और आईओसी ने इसमें दोबारा प्रवेश किया जबकि पावरग्रिड कॉरपोरेशन ने इसमें जगह बनाई।
विश्लेषकों ने कहा कि लाख करोड़ रुपये वाले क्लब में पीएसयू दिग्गजों का प्रवेश निवेशकों की तरफ से पिटे शेयरों में वैल्यू खोजने का परिणाम था। साल 2020 में बीएसई पीएसयू इंडेक्स 17 फीसदी टूटा था। इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, पिछले साल मूल्यांकन में सहजता की तलाश मुश्किल थी और कई पीएसयू ने इसकी पेशकश की।
भारतीय स्टेट बैंक और ओएनजीसी के अलावा क्लब में शामिल अन्य पीएसयू फर्मों ने बाजार पंूजीकरण में बढ़ोतरी दर्ज की। बीएसई पीएसयू इंडेक्स पिछले साल 41 फीसदी चढ़ा। एसबीआई का बाजार पूंजीकरण 67 फीसदी बढ़ा जबकि ओएनजीसी के एमकैप में 52 फीसदी की उछाल आई।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, हमने महामारी के बाद तेज रिकवरी देखी है। साथ ही अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में परिचालन से जुड़ी पीएसयू इस तरह का लाभ उठाने में बेहतर स्थिति में थी। क्रेडिट की रफ्तार, एनपीए में सुधार और लाभ के मोर्चे पर अच्छे पीएसयू बैंकों ने मजबूत आंकड़े पेश किए। कुछ अन्य ने कहा कि यह विनिवेश को लेकर आशावाद के कारण हुआ।
लाख करोड़ रुपये वाले क्लब में अदाणी समूह की पांच कंपनियां हैं, जो सर्वाधिक है। इसके बाद टाटा समूह (चार कंपनी) का स्थान है। पिछले साल सूचीबद्ध जोमैटो ने भी लाख करोड़ रुपये एमकैप के क्लब में जगह बनाई है। एक अन्य सूचीबद्ध फर्म एफएसएन ई-कॉमर्स (नायिका ब्रांड की मालिक) भी साल 2021 के आखिरी हफ्ते में लाख करोड़ रुपये वाले एमकैप क्लब का हिस्सा बनी।
टीसीएस, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और विप्रो ने पिछले साल एमकैप में खासी बढ़ोतरी दर्ज की। साल 2021 में टीसीएस ने एमकैप में 3.05 लाख करोड़ रुपये जोड़े जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 3.2 लाख करोड़ रुपये, इन्फोसिस ने 2.6 लाख करोड़ रुपये और विप्रो ने 1.7 लाख करोड़ रुपये जोड़े।
चोकालिंगम ने कहा, महामारी के कारण आईटी कंपनियों ने लागत में बचत की और उनका लाभ सुधरा। अंतत: बाजार में आईटी ने एक थीम के रूप में काम किया। विशेषज्ञों का मानना है कि लाख करोड़ रुपये एमकैप वाले क्लब का और विस्तार हो सकता है क्योंकि इस साल नई पीढ़ी की कई कंपनियां सूचीबद्ध होने वाली है।
|