दुनिया और भारत में कोविड-19 की लहर में काफी अंतर | ईशान गेरा / January 06, 2022 | | | | |
अमेरिका के रोग नियंत्रक एवं रोकथाम केंद्र ने 1918 के इन्फ्लूएंजा महामारी की तीन लहरों की पहचान की है। पहली लहर 1918 के बसंत के मौसम में देखी गई जो बढऩे के बाद कम हुई और फिर 1919 के सर्दी के मौसम में फिर से बढ़ गई। वर्ष 2009 में ब्रिटेन जैसे कुछ देशों को एच1एन1 इन्फ्लूएंजा की दो लहरों का सामना करना पड़ा जबकि थाईलैंड जैसे अन्य देशों को तीन लहरों का सामना करना पड़ा। मई 2015 तक सऊदी अरब में मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स) की तीन लहरों का सामना करना पड़ा।
भारत कोविड-19 की तीसरी लहर का सामना कर रहा है और संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दुनिया के कई देशों में संक्रमण की पांचवीं लहर देखी जा रही है। दक्षिण अफ्रीका में जहां ओमीक्रोन की पहली बार पहचान की गई, वहां कोरोनावायरस के इस नए स्वरूप की वजह से संक्रमण की पांचवीं लहर देखी गई। किसी जगह पर जब संक्रमण के मामले में तेजी आए और उसके बाद इस संख्या में कमी को ही लहर के तौर पर परिभाषित किया गया है।
मिसाल के तौर पर अमेरिका में कोविड-19 की पहली लहर के दौरान मार्च 2020 में मामलों में तेजी देखी गई। अप्रैल में रोजाना संक्रमण की दर प्रति 10 लाख लोगों पर 90 मामले तक पहुंच गई और इसके बाद इसमें गिरावट देखी गई। कोरोनावायरस के मूल स्वरूप की जगह नए स्वरूप ने ले ली जिसके बाद फिर से अमेरिका में संक्रमण बढऩे लगा है। रोजाना प्रति 10 लाख पर 200 मामले तक दर्ज किए गए जिसके बाद संक्रमण के मामले घट कर प्रति 10 लाख पर 100 मामले हो गए। वर्ष 2020 की सर्दियों में अमेरिका में फिर से संक्रमण के मामले देखे गए और जनवरी 2021 में संक्रमण के रोजाना मामले 760 के उच्च स्तर पर पहुंच गए लेकिन जून 2021 में संक्रमण के रोजाना मामले घटकर प्रति 10 लाख पर 34 मामले ही रह गए।
अमेरिका में कोरोनावायरस के डेल्टा स्वरूप की वजह से चौथी लहर देखी गई जब सितंबर 2021 में संक्रमण के रोजाना मामले प्रति 10 लाख पर बढ़कर 500 हो गए। अमेरिका में फिर से संक्रमण में तेजी के लिए ओमीक्रोन जिम्मेदार है और 3 जनवरी, 2022 को प्रति 10 लाख पर 1,428 मामले देखे गए। ब्रिटेन में इसी तरह के रुझान देखे जा रहे हैं और अप्रैल 2020 के बाद पहली बार संक्रमण के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इसके बाद दो लहर एक के बाद एक देखी गई और मामलों में गिरावट आने से पहले नवंबर 2020 में काफी तेजी देखी गई। इसके बाद फिर जनवरी 2021 में यहां संक्रमण में तेजी देखी गई। अमेरिका की तरह ही जुलाई में ब्रिटेन में फिर से तेजी देखी गई और नवंबर तक यहां फिर से संक्रमण में वृद्धि देखी गई। भारत में अब तक दो लहर देखी गई और तीसरी लहर देखी जा रही है लेकिन सभी राज्यों में समान रुझान नहीं देखे जा रहे हैं। मिसाल के तौर पर दिल्ली में फिलहाल पांचवीं लहर देखी जा रही है। केरल में अब तक तीसरी लहर देखी जा रही है और महाराष्ट्र में दूसरी लहर देखी जा रही है।
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