वैश्विक पुनर्बीमा कंपनी से पुनर्बीमा समझौता करने वाली निजी क्षेत्र की कम से कम 3 बड़ी कंपनियों ने अपनी सावधि योजना की दरों में बदलाव कर दिया है। इस मामले से जुड़े सू्त्रों ने कहा कि कम से कम 3 अन्य कंपनियां इस महीने दरें बढ़ा सकती हैं। वैश्विक पुनर्बीमा कंपनी से पुनर्बीमा समझौते करने वाले शेष बीमाकर्ता भी चालू तिमाही में अपनी दरें बढ़ा सकते हैं। म्यूनिख रे ने सितंबर में दरों में बढ़ोतरी करके अपने बीमा साझेदारों को झटका दिया था और बीमाकर्ता बढ़ोतरी की गई राशि को लेकर पुनर्बीमा कर्ता से बातचीत करने में लगे थे।इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस और बजाज अलियांज लाइफ ने अब तक अपनी सावधि योजना की दरों में बदलाव किया है, जो 10 से 30 प्रतिशत के बीच है। इसके अलावा टाटा एआईए लाइफ, आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस इस महीने अपनी सावधि योजना की दरों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। इंडिया फस्र्ट लाइफ इंश्योरेंस, जिसका पुनर्बीमा समझौता भारत की पुनर्बीमाकर्ता जीआईसी रे के साथ है, उसने भी अपनी सावधि योजना की दरों में बढ़ोतरी की है। इस सिलसिले में बिजनेस स्टैंडर्ड ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, बजाज अलियांज लाइफ इंश्योरेंस, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आदित्य बिड़ला सन लाइफ और टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस से जानकारी लेने की कवायद की, लेकिन इन कंपनियों को भेजे गए ई-मेल का कोई उचित जवाब नहीं मिला। पॉलिसीएक्स डॉट कॉम के सीईओ और संस्थापक नवल गोयल ने कहा, '2 जीवन बीमा कंपनियों, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस ने अपनी योजनाओं के प्रीमियम में बढ़ोतरी की है। नए ग्राहकों के लिए प्रीमियम के मूल्य में बढ़ोतरी करीब 15 प्रतिशत है।'उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि सावधि योजना की कीमत विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत में लंबे समय से सबसे कम है, लेकिन पिछले 2 साल से इसमें कई बार बढ़ोतरी हुई है। एक सूत्र ने कहा कि महामारी शुरू होने के बाद से सावधि योजना की दरों में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन अगर हम मौजूदा बढ़ोतरी को भी जोड़ लें तो सावधि योजना की दरों में बढ़ोतरी 50 से 60 प्रतिशत के बीच हो गई है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि यह बढ़ोतरी कुछ साल तक बनाए रखना बेहतर होगा, जब तक कि महामारी का मौजूदा दौर चलता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक पुनर्बीमाकर्ताओं ने 45-50 प्रतिशत बढ़ोतरी करने को कहा था, लेकिन बीमाकर्ताओं ने पूरा बोझ ग्राहकों पर न डालने का फैसला किया और ज्यादातर इसमें 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर रहे हैं। इस तरह से बीमा कंपनियां कुछ बोझ खुद उठा रही हैं। प्रीमियम में बढ़ोतरी के अलावा कुछ बीमा कंपनियां अपने अंडरराइटिंग मानक आगे और सख्त कर रही हैं। इस प्रक्रिया के हिस्सा के रूप में कुछ बीमाकर्ता सिर्फ 12वीं पास लोगों को पॉलिसी नहीं जारी कर रहे हैं और 1 करोड़ रुपये कवर के लिए न्यूनतम आमदनी की जरूरत भी बढ़ा दी है।
