इक्विटी बाजारों के मजबूत प्रदर्शन और इक्विटी योजनाओं में शुद्घ पूंजी प्रवाह में तेजी आने से म्युुचुअल फंड (एमएफ) उद्योग के परिसंपत्ति आकार में तेजी को बढ़ावा मिला है। 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में इस उद्योग की औसत प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एएयूएम) 36.17 लााख करोड़ रुपये पर दर्ज की गई थीं, जो सालाना आधार पर करीब 30 प्रतिशत की वृद्घि है। एसबीआई एमएफ ने अक्टूबर-दिसंबर 2021 में 6.25 लाख करोड़ रुपये की एएयूएम के साथ अपना दबदबा बनाए रखा, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा 4.56 लाख करोड़ रुपये था। तुलनात्मक तौर पर देखा जाए तो यह 37 प्रतिशत की वृद्घि है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ और एचडीएफसी एमएफ की एएयूएम समीक्षाधीन तिमाही में 4.67 लाख करोड़ रुपये और 4.47 लाख करोड़ रुपये थीं। एम्फी के आंकड़े से पता चलता है कि ऐक्सिस एमएफ, निप्पॉन इंडिया एमएफ, और कोटक महिंद्रा एमएफ जैसी कंपनियों की एएयूएम साल में 32-43 प्रतिशत बढ़ीं। 44 फंडों में से, सिर्फ 36 फंड हाउसों का एएयूएम आंकड़ा की अभी उपलब्ध है और उद्योग का कुल एएयूएम आंकड़ा बाद में बदल सकता है। मिरे ऐेसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के मुख्य कार्याधिकारी स्वरूप मोहंती ने कहा, 'एमएफ उद्योग पिछले कुछ वर्षों के दौरान बचत के वित्तीयकरण के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक रहा है। कैलेंडर वर्ष 2021 बाजारों के लिए अच्छा रहा और संयुक्त रूप से नए निवेशक और उद्योग दोनों में लगातार तेजी आई।'2021 में, भारतीय इक्विटी का प्रतिफल 24 प्रतिशत रहा है और इक्विटी फंडों ने निवेशकों से लगातार पूंजी आकर्षित की है। 2021 के जनवरी और नवंबर के बीच, इक्विटी फंडों ने करीब 71,600 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया। एसआईपी के जरिये पूंजी प्रवाह करीब 1.02 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया। क्वांट एमएफ, एडलवाइस एमएफ, और केनरा रोबेको एमएफ की परिसंपत्तियों में भारी तेजी दर्ज की गई थी। बाजार कारोबारियों का कहना है कि 2022 में भी, इक्विटी फंड के प्रति पूंजी का आकर्षण बरकरार रहेगा, क्योंकि निवेशकों ने एसआईपी के जरिये बचत को महत्ता दी है। पिछले तीन महीनों में, एसआईपी के जरिये पूंजी प्रवाह हर महीने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक था और नवंबर में 11,005 करोड़ रुपये के एसआईपी योगदान के साथ भी आंकड़ा सर्वाधिक था।
