प्रैक्टो, जो 13 साल पहले सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर स्टार्टअप के तौर पर शुरू हुई थी, स्वास्थ्य देखभाल वाली एकीकृत कंपनी के रूप में विकसित हो रही है। इसने मरीजों, डॉक्टरों, फार्मेसियों, डायग्नोस्टिक केंद्रों, क्लीनिकों और अस्पतालों को जोड़कर एक स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है। प्रैक्टो के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) शशांक एनडी ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के साथ रोगियों की बातचीत की शृंखला के लिए सुसज्जित है। बातचीत और परामर्श की गुणवत्ता पर खासा ध्यान केंद्रित करते हुए प्रैक्टो संपूर्ण मूल्य शृंखला के लिए निर्माण कर रही है। शशांक ने वर्ष 2008 में अभिनव लाल के साथ इस फर्म की स्थापना की थी।शशांक ने कहा कि देश के 150 अरब डॉलर के स्वास्थ्य देखभाल बाजार में अगले चार-पांच वर्षों में डिजिटल हेल्थकेयर को अपनाए जाने में इजाफा होगा और प्रैक्टो का लक्ष्य इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभाना है। सिकोया और टेनसेंट जैसे निवेशकों द्वारा समर्थित इस फर्म के पास अब लगभग 30 करोड़ यूनिक यूजर हैं और यह देश के 200 से अधिक शहरों तथा 20 अन्य देशों में मौजूद है। इस प्लेटफॉर्म पर 1,00,000 से अधिक डॉक्टर और लगभग 76,000 अस्पताल तथा क्लीनिक हैं। प्रैक्टो का लक्ष्य इस वर्ष भारत में अपनी मौजूदगी को 16,000 पिन कोड से बढ़ाकर 25,000 पिन कोड तक ले जाना है। इसमें कॉरपोरेट स्वास्थ्य योजनाओं में महत्त्वपूर्ण प्रगति करना भी शामिल है।वैश्विक महामारी की वजह से आभासी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं में वृद्धि हुई है। शशांक ने कहा कि आभासी यात्राओं का इस्तेमाल बहुत अधिक बढ़ गया है और इससे हमें यह भी पता चलता है कि भारत में डॉक्टर-रोगी अनुपात को टेलीहेल्थ (1:1,800) के साथ किस प्रकार अच्छी तरह से उपयोग में लाया जा सकता है। प्रैक्टो को टेलीहेल्थ में सालाना आधार पर 67 प्रतिशत से अधिक का इजाफा दिखा है। टेलीहेल्थ की 50 प्रतिशत से अधिक पूछताछ टियर-2 और टियर-3 शहरों के इतर से आई थी।
