वीडियोकॉन के लिए ट्विनस्टार की समाधान योजना पर रोक | सुब्रत पांडा / मुंबई January 05, 2022 | | | | |
नैशनल कंपनी लॉ अपील ट्रिब्यूनल ने बुधवार को वेदांत की ट्विनस्टार टेक्नोलॉजिज की तरफ से जमा कराई समाधान योजना को दी गई मुंबई एनसीएलटी की मंजूरी पर रोक लगा दी। एनसीएलएटी ने यह मामला वीडियोकॉन की लेनदारों की समिति को वापस भेज दिया औरकहा कि वह दिवालिया संहिता के मुताबिक कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया पूरी करे।
दो न्यायाधीशों के पीठ ने अपने आदेश में कहा, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि दिवालिया संहिता की धारा 30 (2) (बी) का अनुपालन नहीं किया गया है, ऐसे में समाधान योजना को दी गई मंजूरी संहिता की धारा 31 के मुताबिक नहीं है।
पीठ ने कहा, ऐसे में सीओसी व एनसीएलटी की तरफ से दी गई मंजूरी पर रोक लगाई जाती है और मामला एक बार फिर सीओसी के पास भेजा जाता है ताकि वह संहिता के प्रावधान के मुताबिक कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया पूरी कर सके।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने जुलाई 2021 में एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की थी, जिसके बाद अपील ट्रिब्यूनल ने एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगा दी थी। बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सिडबी, आईएफसीआई और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज की लेनदारों की समिति में मतभेद वाले वित्तीय लेनदार थे।
वित्तीय लेनदारों ने अपील ट्रिब्यूनल का रुख यह कहते हुए किया था कि जनहित में इस फैसले पर दोबारा नजर डाली जानी चाहिए क्योंंकि इसमें अप्रत्याशित तौर पर 95 फीसदी की कटौती देखने को मिली है।
पिछले साल जून में एनसीएलटी के मुंबई पीठ ने वेदांत रिसोर्सेस समूह की प्रवर्तक इकाई ट्विन स्टार टेक्नोलॉजिज की तरफ से पेश वीडियोकॉन समूह के लिए समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी। लेकिन उसने कहा ता कि कामयाब समाधान आवेदक कुछ भी नहीं दे रहा है क्योंंकि उसकी तरफ से पेश रकम बकाया दावे का महज 4.15 फीसदी है। लेनदारों की कटौती 95.85 फीसदी थी और पीठ ने लेनदारोंं की समिति व कामयाब आवेदक को भुगतान में इजाफा करने की सलाह दी थी।
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