बाजार की धमाकेदार शुरुआत | सुंदर सेतुरामन / मुंबई January 03, 2022 | | | | |
कोरोना के मामले बढऩे के बावजूद वैश्विक बाजारों से मजबूत संकेत से साल के पहले कारोबारी दिन में शेयर बाजार में जोरदार तेजी दर्ज की गई। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह तथा पीएमआई के आंकड़ों से भी निवेशकों का उत्साह बढ़ा है। बेंचमार्क सेंसेक्स 929 अंक चढ़कर 59,183 पर बंद हुआ। वर्ष 2000 के बाद सूचकांकों का साल के पहले दिन यह सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। निफ्टी भी 271 अंक चढ़कर 17,625 पर बंद हुआ। दिसंबर का विनिर्माण पीएमआई 55.5 पर रहा। हालांकि नंवबर के स्तर से इसमें थोड़ी नरमी आई है। दिसंबर में जीएसटी संग्रह 1.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि से 13 फीसदी अधिक है। दिसंबर लगातार छठा महीना है जिसमें जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। हालांकि यह पिछले साल नवंबर के 1.31 लाख करोड़ जीएसटी संग्रह से थोड़ा कम ही है।
वृहद आंकड़ों से निवेशकों को उम्मीद है कि कोविड के बढ़ते मामले और कई राज्यों द्वारा लगाई गई पाबंदियों से अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। विश्लेषकों का कहना है कि आर्थिक आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था में अभी सुधार हो रहा है। पर्याप्त तरलता और कम ब्याज दरों के जरिये वृद्घि को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास का लाभ मिल रहा है। विश्लेषकों ने कहा कि देश में पूंजीगत सुधार जल्द शुरू होगा। निवेशकों के उत्साह से यूरोपीय बाजार भी बढ़त पर खुले। निवेशकों का मानना है कि ओमीक्रोन से आर्थिक गतिविधियों पर पहले जितना असर नहीं पड़ेगा।
अपवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, 'दुनिया भर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन पहले की तरह सख्त लॉकडाउन का खतरा नहीं है। ऐसा लगता है कि कोई लॉकडाउन नहीं लगाने जा रहा है। इसके साथ ही नए साल का भी कुछ उत्साह है जिससे बाजार में तेजी आई।' विश्लेषकों का कहना है कि आगे बाजार की चाल ओमीक्रोन के प्रसार की स्थिति पर निर्भर करेगा। हालांकि अध्ययनों से पता चलता है कि ओमीक्रोन ज्यादा घातक नहीं है और इसमें बड़े पैमाने पर लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी, जिससे निवेशकों का मनोबल बढ़ा है। मौद्रिक नीति सहायता के धीरे-धीरे वापस लेने और ब्याज दरों में इजाफे पर निवेशकों की नजर रहेगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित दुनिया भर के केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को काबू में करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। केंद्रीय बैंकों के प्रोत्साहन और महामारी के कारण निचले स्तर पर फिसली अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों से दुनिया भर के शेयर बाजारों में तेजी आई है।
हालांकि विश्लेषकों ने कहा कि रूस और पश्चिमी देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव से बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है। व्वेलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक ज्योतिवर्धन जयपुरिया ने कहा, 'आम तौर पर यह बाजार के लिए मजबूत समय होता है। दिसंबर के अंत से बाजार में तेजी रहती है और यह जनवरी के शुरुआती कुछ दिनों तक जारी रहती है। कोविड को लेकर थोड़ी चिंता है लेकिन इसका अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर पडऩे की आशंका नहीं है।'
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