पहले दिन 40 लाख बच्चों को टीके | बीएस संवाददाता / January 03, 2022 | | | | |
चेन्नई में 16 साल की नीमा मरियम और उनके परिवार के मन में इस बात को लेकर आशंका चल रही है कि कोविड-19 टीका लेना सुरक्षित होगा या नहीं। उनके पिता जैकब जॉन ने कहा, 'हम टीका लगाने से पहले कुछ दिन इंतजार करेंगे। अगर सरकार स्कूलों के जरिये टीके का वितरण करेगी तब हम निश्चित तौर पर इसको तरजीह देंगे।' सेंट्रल अहमदाबाद के एम के स्कूल की भी कुछ ऐसी ही दास्तान है जहां 12वीं कक्षा के बच्चों ने स्वैच्छिक आधार पर टीके लगवाए हालांकि स्कूल प्रशासन का कहना है कि 11वीं कक्षा के छात्रों के बीच कुछ संदेह दिखा। एम के स्कूल के 11वीं कक्षा के एक छात्र मौर्या शाह ने कहा, 'मैं इस बात को लेकर आशंकित नहीं हूं बल्कि मैं चाहता हूं कि मुझे टीके की दोनों खुराक जल्द मिले लेकिन मेरे क्लास के कुछ दोस्तों को आशंका है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही वे भी आश्वस्त होंगे क्योंकि मुझे लगता है कि यह सही कदम है।'
एनटीएजीआई के प्रमुख एन के अरोड़ा ने पहले दिन कहा कि देश में संक्रमण की तीसरी लहर देखी जा रही है और बच्चों के टीके लगाने के अभियान के पहले दिन देश में मिला-जुला रुझान देखा गया क्योंकि देश में सोशल मीडिया पर कोवैक्सीन के इस्तेमाल की मियाद बढ़ाए जाने को लेकर चिंताजनक बातें चल रही थीं। सोमवार को 15 से 17 साल के करीब 40 लाख किशोर बच्चों को कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई जबकि इस आयु समूह के लगभग 50 लाख बच्चों ने कोविन वेबसाइट पर पंजीकरण कराया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के टीकाकरण स्थल पर गए और एक ट्वीट में कहा, 'मैं अपने युवा दोस्तों से जल्द टीका लगवाने की गुजारिश करता हूं ताकि वे दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को मजबूती दें।'
दिल्ली के अस्पतालों में 15-17 उम्र वर्ग के टीकाकरण अभियान के पहले दिन काफी फीकी प्रतिक्रिया देखी गई। कई लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें तेजी आ सकती है। फोर्टिस हेल्थकेयर के समूह प्रमुख (चिकित्सा रणनीति एवं परिचालन) विष्णु पाणिग्रही ने कहा, 'इसकी अच्छी शुरुआत हुई। टीके से कोई विपरीत प्रतिक्रिया नहीं दिखी। लोग नए साल का जश्न मनाकर जब लौैटेंगे तब तादाद और बढ़ेगी।' हालांकि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का दावा है कि छात्रों में इसको लेकर काफी उत्साह देखा गया और वे कतार लगा कर टीके लगाने के लिए खड़े थे क्योंकि इनमें से ज्यादातर अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी कर कॉलेज में प्रवेश कर रहे हैं।
दिल्ली में फीकी प्रतिक्रिया के बीच देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई ने शहर में 9 लाख बच्चों को टीके की पहली खुराक 28 दिनों में लगाने का लक्ष्य रखा है। वहीं बीएमसी शहर में 9 केंद्रों पर टीके दिलवा रही है। रेलवे कर्मचारी के बच्चे टीके के लिए रेलवे हॉस्पिटल जा सकते हैं। सोमवार को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के कोविड-19 सेंंटर में किशोरों के टीकाकरण की शुरुआत हुई। पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे यहां वर्चुअल तरीके से उपस्थित थे ताकि यहां भीड़ कम रहे। बीकेसी कोविड सेंटर के डीन राजेश डेरे ने कहा, 'हमने प्रवेश और निकास के लिए अलग इंतजाम किए हैं और 15-17 साल के किशोरों के टीकाकरण के लिए अलग क्यूबिकल भी बनाए हैं। हमने प्रेरणादायक विषयों पर आधारित किताबें भी रखी हैं जिसे बच्चे टीके लगवाने के बाद पढ़ सकते हैं।'
स्कूलों के माध्यम से टीके लगाने की रणनीति की वजह से ही तमिलनाडु में बच्चे, परिवार और यहां तक कि प्रशासनिक अधिकारियों में भी सुस्ती दिख रही है। सोमवार को बिज़नेस स्टैंडर्ड ने मेदवाक्कम और केलांबक्कम के दो सरकारी केंद्रों का जायजा लिया जहां किसी ने भी टीका नहीं लगवाया था। तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, 'हम स्कूलों में कैंपों और मौजूदा टीकाकरण केंद्रों के जरिये टीकाकरण करवा रहे हैं। अगर कोई दिक्कत होगी तब हम इसे एक या दो दिनों में दूर करेंगे।' केरल में करीब 15.4 लाख बच्चे टीके की पहली खुराक पाने के पात्र हैं और यहां बच्चों में टीके को लेकर काफी दिलचस्पी दिखी।
वहीं पश्चिम बंगाल में पहले दिन किशोरों के टीके को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिली। राज्य परिवार कल्याण अधिकारी आशिम दास मलाकार ने कहा, 'टीके को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।' राज्य में करीब 48 लाख किशोर टीके के पात्र हैं और यहां 60 लाख कोवैक्सीन खुराक उपलब्ध है। करीब 338 अस्पताल किशोरों को टीके लगाएंगे। पश्चिम बंगाल के निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) अजय चक्रवर्ती ने कहा कि अकादमिक सत्र में स्कूल भले ही बंद रहें लेकिन टीकाकरण का कार्यक्रम जारी रहेगा।
उत्तर प्रदेश 20 लाख कोविड टीका खुराक देने के लिहाज से भारत में अव्वल है और राज्य का दावा है कि अस्पतालों टीके का पर्याप्त स्टॉक मुहैया कराया गया है। यहां करीब 2,150 टीकाकरण बूथ बनाए गए हैं जिनमें से 39 लखनऊ में है और बाकी 75 जिलों में ऐसे केंद्र मौजूद हैं जहां किशोरों को टीके लगेंगे।
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