जीएसटी के आंकड़े आर्थिक सुधार के संकेत | अरूप रायचौधरी / नई दिल्ली January 02, 2022 | | | | |
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दिसंबर के आंकड़ों से केंद्र एवं राज्यों के लिए दिसंबर तिमाही खास बन गई है। अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस तरह यह तिमाही केंद्र एवं राज्यों के लिए जीएसटी लागू होने के बाद सबसे अच्छी रही है। इससे यह भी पता चलता है कि आर्थिक सुधार कितना बढिय़ा रहा है।
वित्त वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीने जीएसटी प्राप्तियों के लिहाज से उत्साहवर्धक रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में मई और जून को छोड़कर कर संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। मई और जून में कोविड की दूसरी लहर के कारण आर्थिक गतिविधियां कम रहीं, जिसका जीएसटी संग्रह पर असर पड़ा।
हालांकि आगे कोविड-19 वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप केे आर्थिक असर को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि फरवरी और मार्च 2023 में जीएसटी संग्रह पर असर पड़ सकता है। यह इस चीज पर निर्भर करेगा कि तीसरी लहर कितनी तेजी से फैलती है और कारोबार पर कितने कड़े प्रतिबंध लगाए जाते हैं।
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एमएस मणि ने कहा, 'आगामी महीनों में क्या होगा, यह काफी हद तक तीसरी लहर की गंभीरता पर निर्भर करता है। अब तक कुछ राज्यों में निश्चित गतिविधियों पर बंदिशें लगाई गई हैं। अभी तक किसी भी राज्य ने दूसरी लहर जितनी बंदिशें नहीं लगाई हैं।'
मणि ने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि ओमीक्रोन की लहर कितनी गंभीर होगी और आगे किस तरह के प्रतिबंध लगाए जाएंगे। मणि ने कहा, 'यह बड़ी चीज यह भी है कि क्या माल के अंतर-राज्य परिवहन पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे।' मई 2021 (जो अप्रैल की गतिविधियों को दर्शाता है) में कुल जीएसटी संग्रह 97,821 करोड़ रुपये रहा, जबकि जून (मई की आर्थिक गतिविधियों का मापक) में जीएसटी संग्रह का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष में अब तक सबसे कम 92,800 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2022 में अब तक मई और जून ही ऐसे दो महीने रहे हैं, जिनमें जीएसटी संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से कम रहा। शार्दूल अमरचंद मंगलदास ऐंड कंपनी में पार्टनर रजत बोस ने कहा, 'मुझे दूसरी लहर जैसे संपूर्ण लॉकडाउन के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन आर्थिक गतिविधियां निश्चित रूप से प्रभावित होंगी। हां, संग्रह भी पिछले दो-तीन महीनों के मुकाबले कम रह सकता है। हालांकि यह उतना कम नहीं रहेगा, जितना मई-जून में रहा था।'
रविवार को पश्चिम बंगाल कारोबारी प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंधात्मक उपाय लागू करने वाला नया राज्य बन गया। राज्य में शॉपिंग मॉल, बाजार परिसरों, रेस्तरां एवं बार, सरकारी एवं निजी कार्यालयों और लोकल ट्रेनों को सोमवार से 50 फीसदी क्षमता पर परिचालन का निर्देश दिया गया है। जिम, सैलूून, पर्यटन स्थल आदि अगले आदेश तक पूर्णतया बंद रहेंगे।
ऐसे प्रतिबंध दिल्ली, हरियाणा के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में पहले ही लागू किए जा चुके हैं। हालांकि तीसरी लहर की अनिश्चितताओं को दरकिनार करते हुए विश्लेषकों का अनुमान है कि आर्थिक सुधार की रफ्तार आगे भी पिछले कुछ महीनों के समान बनी रहेगी।
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