कोवैक्सीन विनिर्माता भारत बायोटेक वर्ष 2022 में अपने इंट्रा-नेजल टीके की सालाना एक अरब खुराक निर्मित करने का लक्ष्य बना रही है, जो फिलहाल क्लीनिकल जांच से गुजर रहा है। हैदराबाद स्थित यह टीका विनिर्माता विदेशों में टीका निर्मित करने और वितरण के लिए वैश्विक साझेदारों पर भी विचार कर रही है। इंट्रा-नेजल टीका बीबीवी154 नाक के स्प्रे या ड्रॉप के रूप में दिया जा सकता है। हालांकि इसे घर पर नहीं लिया जा सकता है, बल्कि इसे क्लीनिकल व्यवस्था में दिया जाना जरूरी होता है। एडेनोवायरस वेक्टर आधारित यह टीका आईजीए एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू करने में मदद करता है। भारत बायोटेक का दावा है कि यह टीका सॉर्स-कोवी-2 वायरस का संक्रमण कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह वायरस के प्रवेश के पहले ही बिंदु - नाक और ऊपरी श्वसन वाले क्षेत्र में उस पर हमला करता है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अब हम इस इंट्रा-नेजल टीके केनिर्माण में इजाफा कर रहे हैं। इस नेजल टीके के लिए सालाना एक अरब खुराकों का लक्ष्य है। बेंगलूरु, हैदराबाद, पुणे आदि जिन स्थलों पर फिलहाल कोवैक्सीन का निर्माण हो रहा है, वहां यह नेजल टीका विनिर्माण की भी सुविधा होगा। कंपनी ने कहा कि हम विनिर्माण और वितरण दोनों के लिए ही वैश्विक भागीदारों की तलाश कर रहे हैं। यह एडेनोवायरस वेक्टर का सक्रिय प्लेटफॉर्म है, जो ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका या जॉनसन ऐंड जॉनसन प्लेटफॉर्म के समान है। अधिकारी ने बताया कि हमने स्पाइक प्रोटीन को स्थिर करने के लिए काफी काम किया है। नाक में आईजीए एंटीबॉडी होती हैं, जो ऊपरी श्वसन पथ में भी मौजूद रहती हैं। इस बीच भारत बायोटेक ने इस टीके के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने के लिए अनुमति मांगी है। कंपनी किसी ऐसे व्यक्तिके लिए इस टीके का बूस्टर इंजेक्शन के तौर पर परीक्षण कर रही है, जिसे कोविड-19 का संक्रमण हुआ हो या जो कोविड-19 के कोई दो इंजेक्शन लगवा चुका हो। तीसरे चरण के परीक्षण का आकार कोवैक्सीन परीक्षण (25,800 प्रतिभागियों) से कम होगा।
