रफ्तार पकड़ रहा है टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड | चिराग मडिया / मुंबई December 23, 2021 | | | | |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्युचुअल फंड, आईडीएफसी एमएफ, एडलवाइस एमएफ और मिरे एसेट एमएफ ने टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंडों की पेशकश के लिए बाजार नियामक सेबी के पास दस्तावेज जमा कराए हैं। ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना वाले परिदृश्य में ऐसी डेट पैसिव योजनाओं में अगर परिपक्वता तक निवेशित रहा जाए तो उतारचढ़ाव कम हो सकता है।
आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमएफ ने आदित्य बिड़ला सन लाइफ एसडीएल प्लस एएए पीएसयू बॉन्ड अप्रैल 2027 60:40 इंडेक्स फंड और आदित्य बिड़ला सन लाइफ एसडीएल प्लस एएए पीएसयू बॉन्ड अप्रैल 2025 60 :40 इंडेक्स फंड के लिए पेशकश दस्तावेज जमा कराए हैं।
आईडीएफसी एमएफ ने आईडीएफसी एसडीएल प्लस गिल्ट 2026 इंडेक्स फंड और आईडीएफसी एसडीएल प्लस एएए पीएसयू बॉन्ड प्लस गिल्ट 2027 इंडेक्स फंड के लिए आवेदन किया है। ऐसे फंडों की तय परिपक्वता तारीख होती है, जो अंतर्निहित बॉन्ड की एक्यपायरी डेट से जुड़ी होती है और सकारी प्रतिभूतियों, स्टेट डेवलपमेंट लोन (एसडीएल) या एएए रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्डों में निवेश किया जाता है।
अन्य पैसिव फंडों की तरह टार्गेट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड अंतर्निहित इंडेक्स के कंपोजिशन को दोहराता है और उसकी तय परिपक्वता तारीख होती है। उदाहरण के लिए आदित्य बिड़ला सन लाइफ एसडीएल प्लस एएए पीएसयू बॉन्ड अप्रैल 2027 60:40 इंडेक्स फंड अप्रैल 2027 में परिपक्व होगा और परिपक्वता तारीख के बाद परिपक्वता की रकम निवेशकों के बीच वितरित की जाएगी।
कॉरपोरेट डेट ट्रेनर जयदीप सेन ने कहा, आगामी महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी तय है और टार्गेट मैच्योरिटी डेट फंड बाजार संबंधित उतारचढ़ाव से बचने के लिहाज से अच्छी श्रेणी है, अगर उसमें तय अवधि तक निवेशित रहा जाए। ऐसे फंडोंं का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें क्रेडिट का करीब-करीब कोई जोखिम नहीं होता।
बाजार के प्रतिभागियों ने भी कहा कि ऐसे फंडों में मार्क टु मार्केट उतारचढ़ाव नहीं होता, अगर निवेशक उसमें परिपक्वता तक निवेशित रहें और उसमें अनुमान के मुताबिक रिटर्न मिलता है। फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज की कीमतें बाजार की ब्याज दरों से तय होती है। ब्याज दरों व फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज के बीच व्युत्क्रमानुपाती संबंध होता है। जब ब्याज दरें घटती हैं तो फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज की कीमतें बढ़ती हैं। इसी तरह जब ब्याज दरों में इजाफा होता है तो फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज की कीमतें नीचे आ जाती हैं।
पैसिव कैटिगरी के कुछ फंडों ने पिछले एक साल में 4.5 से 5.5 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। टार्गेट मैच्योरिटी फंड या तो इंडेक्स फंड या फिर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड हो सकते हैं।
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