नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति और केंद्र की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के चलते उत्तर प्रदेश को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में बड़े निवेश की आस बंधी है। पीएलआई योजना से उत्तर प्रदेश को अगले पांच सालों में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। आईटी सेक्टर में कार्यरत लोगों का मानना है कि उत्तर प्रदेश की नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति सेमी कंडक्टर उद्योग को लुभाएगी। सरकार की नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2020 में राज्य में सेमी कंडक्टर उद्योग की स्थापना करने वाले निवेशकों को कई रियायतें देने का वादा किया गया है। हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में सेमी कंडक्टर उद्योग के संवद्र्धन के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के चलते देश में माइक्रोचिप्स के डिजाइन, निर्माण, पैकिंग और टेस्टिंग में मदद मिलेगी और कारोबार के लिए एक पूरा माहौल तैयार होगा। केंद्र सरकार की इस योजना से उत्तर प्रदेश में सेमी कंडक्टर उद्योग में भारी निवेश होगा। प्रदेश के आईटी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बीते पौने पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश ही देश का ऐसा प्रमुख राज्य हैं, जिसने इस क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित किया है। नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के तहत नोएडा में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र और डेटा सेंटर की स्थापना करने के लिए बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने जमीन ली है। प्रदेश सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2017 के तहत 20,000 करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य को 3 साल में ही लगभग 30 निवेशकों द्वारा प्रदेश में किए गए निवेश से पा लिया गया है। इस निवेश से 3 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए। इसके बाद अगस्त 2020 में लाई गई नई उप्र इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2020 के तहत अगले पांच वर्षों में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश और चार लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने का लक्ष्य तय किया गया है। इस नई नीति के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, एमएक्यू, अदाणी ग्रुप, हीरानंदानी ग्रुप, नेटमैजिक सर्विस, एसटीटी प्राइवेट लिमिटेड तथा अग्रवाल एसोसिएट लिमिटेड जैसी विख्यात कंपनियों का नोएडा में डेटा सेंटर की स्थापना करने की पहल की है। आईटी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में चीन, ताइवान तथा कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियों ने आईटी सेक्टर में निवेश किया है। ये कंपनियां भी सेमी कंडक्टर सेक्टर में निवेश करने की पहल करेंगी। यह उनके लिए फायदेमंद होगा क्योंकि मौजूदा वक्त में जितने भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बन रहे हैं उन सभी में सेमीकंडक्टर का उपयोग किया जाता है। उनके मुताबिक कोरोना संकट के चलते सेमीकंडक्टर निर्माण का कारोबार संकट में घिर गया और चीन से इसका आयात काफी कम हो गया। इस कारण, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ। जिसका संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने पीएलआई योजना को मंजूरी दी। जिसका लाभ उत्तर प्रदेश को भी होगा। अमेरिका, दक्षिण कोरिया, चीन, ताइवान और जापान ने इस उद्योग को अपने हाथ में ले रखा है, इस देशों की कंपनियां देश की प्रमुख कंपनियों के साथ मिलकर सेमी कंडक्टर उद्योग में निवेश करेंगी।
