बाजार हलचल | बीएस संवाददाता / December 19, 2021 | | | | |
निफ्टी-50 परखेगा 16,900 का स्तर
शुक्रवार को निफ्टी 17,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया और इस तरह से संस्थागत निवेशकों के बीच बढ़त पर बिकवाली वाले सेंंटिमेंट के बीच निफ्टी के लिए 10 महीने में दूसरा सबसे खराब हफ्ता रहा। विश्लेषकों का मानना है कि इस इंडेक्स के लिए 16,900 का स्तर तात्कालिक व अहम समर्थन स्तर के तौर पर काम कर सकता है। इससे नीचे आने पर निफ्टी 16,700-16,400 के स्तर की ओर जा सकता है। बढ़त के मामले में 17,200 से 17,250 का स्तर अहम प्रतिरोध के तौर पर काम करेगा। 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे फिसलने के बाद बैंक निफ्टी भी खासी बिकवाली का सामना कर रहा है और उसका प्रदर्शन कमजोर है। हालांकि 35,500 से 35,000 का स्तर तात्कालिक समर्थन का स्तर है, सिसे नीचे जाने पर विश्लेषकों को लग रहा है कि बिकवाली का दबाव और बढ़ेगा। बढ़त के मामले में 36,500 का स्तर मजबूत अवरोध के तौर पर काम करेगा। ऐश्ली कुटिन्हो
कर बचत के लिए ईएलएसएस की मांग
पिछले कुछ महीनों में इक्विटी फंडों में निवेश मजबूत बना हुआ है, पर इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (र्ईएलएसएस) से लगातार शुद्ध निकासी जारी है। ईएलएसएस एक तरह का म्युचुअल फंड है, जो निवेशकों को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के आयकर छूट का दावा करने की इजाजत देता है। चूंकि हम कर बचत वाले सीजन की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में ईएलएसएस योजनाओं में निवेश सकारात्मक होना शुरू हो गया है। नवंबर में ईएलएसएस योजनाओं ने इस वित्त वर्ष में पहली बार 174.29 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश दर्ज किया। फंड हाउस को उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में ईएलएसएस योजनाओं में निवेश बढ़ेगा। चिराग मडिया
स्विच, स्विचगियर फर्मों को होगा फायदा
स्विच व स्विचगियर विनिर्माताओं के शेयरों में आगामी महीनों में बढ़त दर्ज हो सकती है क्योंंकि सुरक्षित उत्पादों व सख्त तकनीकी मानकों को तरजीह दिए जाने से संगठित क्षेत्र इन दोनों क्षेत्रों में वर्चस्व बना रहे हैं। जिंसों की कीमतों पर उच्च महंगाई और आपूर्ति शृंखला के अवरोध भी संगठित कंपनियों के हक में होंगे। विश्लेषकों के मुताबिक, स्विच व स्विचगियर बाजार वित्त वर्ष 23 तक क्रमश: 6,200 करोड़ रुपये व 28,600 करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के नोट में कहा गया है, स्विच का बाजार 9.2 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 23 में यह 6,200 करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। स्विचगियर बाजार भी 9.3 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से आगे जा रहा है। देसी स्विचगियर उद्योग का आकार वित्त वर्ष 18 में 18,300 करोड़ रुपये का था और वित्त वर्ष 23 में यह 28,600 करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है। हैवेल्स, वी गार्ड और क्रॉम्पटन ग्रीव्स को फायदा मिल सकता है। सुंदर सेतुरामन
विदेशी निवेशकों ने निकाले 17,696 करोड़ रुपये
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कोरोनावायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के चलते पैदा हुई अनिश्चितता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा उम्मीद से पहले बॉन्ड खरीद बंद करने के बीच दिसंबर में अब तक भारतीय बाजारों से 17,696 करोड़ रुपये की निकासी की है। आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 1 से 17 दिसंबर के बीच इक्विटी से 13,470 करोड़ रुपये, ऋण खंड से 4,066 करोड़ रुपये और हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स से 160 करोड़ रुपये निकाले। एफपीआई ने नवंबर में 2,521 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री की थी। मॉर्निंगस्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक, शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक और घरेलू दोनों मोर्चों पर अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के चलते चिंता बनी हुई हैै। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आर्थिक वृद्धि भी अपेक्षाकृत धीमी रही है। यदि हालात बिगड़ते हैं तो विदेशी निवेशक भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना निवेश निकाल सकते हैं।
जियोजित फाइनैंशियल के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, चूंकि बैंकिंग में सबसे अधिक एफपीआई होल्डिंग है, इसलिए उसे एफपीआई की बिक्री का खामियाजा उठाना पड़ रहा है। भाषा
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