कार्यस्थलों पर जाने वालों की तादाद कोविड-19 महामारी के पहले के दौर के स्तर तक आ गई है। वर्ष 2020 की शुरुआत के मुकाबले यह अब 0.43 फीसदी अधिक है। देश भर में पहली बार मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाए जाने के बाद दूसरी बार इस तरह की तेजी देखी गई है। पहली बार 31 अक्टूबर, 2021 को यह 0.71 फीसदी अधिक था। उस वक्त के बाद से इसमें गिरावट आई और अब कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के उभार पर करीब से नजर रखी जा रही है। सर्च इंजन गूगल अनाम लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है जिससे यह अंदाजा मिलता है कि महामारी के दौरान लोगों की गतिविधि किस तरह की है। रिटेल स्टोर पर जाने वाले लोगों की तादाद और मनोरंजन स्थलों पर जाने वाले लोगों की तादाद कोविड से पहले के स्तर से अधिक है। बिजली उत्पादन में भी 5 फीसदी की तेजी देखी गई। एक हफ्ते पहले के उत्पादन की तुलना में साप्ताहिक आंकड़ों में भी तेजी आई। देश भर के बिजली संयंत्रों में 12 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह के दौरान औसतन रोजाना 359.6 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ जो एक हफ्ते पहले की 343 करोड़ यूनिट से 5 फीसदी अधिक है। पिछले हफ्ते बिजली उत्पादन 2019 के इसी हफ्ते की तुलना में 7.8 फीसदी अधिक रहा और 2020 के समान हफ्ते के बिजली उत्पादन की तुलना में 4.9 फीसदी अधिक हुआ। भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई की मात्रा में अच्छी वृद्धि दिखाई है। ताजा आंकड़े एक हफ्ते पहले के 4.7 फीसदी की तुलना में 7.1 फीसदी हैं। माल ढुलाई से होने वाली कमाई में एक हफ्ते पहले के 6.2 फीसदी की तुलना में 11 फीसदी की वृद्धि हुई। वैश्विक लोकेशन तकनीक कंपनी टॉम टॉम इंटरनैशनल के मुताबिक, बड़े शहरों में यातायात की भीड़ पिछले हफ्ते के स्तर पर स्थिर थी। मुंबई में यातायात की भीड़, 2019 के स्तर से 29 फीसदी कम थी। वहीं नई दिल्ली के यातायात में 17 फीसदी की कमी देखी गई। बिज़नेस स्टैंडर्ड नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन पर नजर रखता है। इसका उत्सर्जन औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों के जरिये होता है। उच्चतम स्तर तेज वृद्धि का संकेत देता है। दिल्ली उत्सर्जन 2019 के स्तर से 26 फीसदी कम है वहीं मुंबई का उत्सर्जन भी कम है। अधिकारियों की तरफ से विस्तृत डेटा जारी होने से पहले इन साप्ताहिक आर्थिक संकेतकों के माध्यम से अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति का संकेत मिल जाता है। वृहद अर्थव्यवस्था से जुड़े आधिकारिक आंकड़े अंतराल के बाद जारी होते हैं। वैश्विक स्तर पर विश्लेषक भी इसी तरह के समान संकेतकों पर नजर रख रहे हैं ताकि जमीनी स्तर के हालात का अंदाजा मिल सके क्योंकि अलग-अलग सरकारों ने कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए हैं। गूगल मोबिलिटी डेटा अंतराल के बाद जारी करती है। ताजा डेटा 8 दिसंबर के हैं और बाकी सभी डेटा रविवार 12 दिसंबर के हैं।
