जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सज्जन जिंदल ने कहा है कि नए इस्पात संयंत्रों की स्थापना की पूंजीगत लागत और पुराने को बंद करने से कम कार्बन इस्पात निर्माण की दिशा में बदलाव के संदर्भ में मुख्य बाधक होगा, क्योंकि अक्षय ऊर्जा बिजली और ग्रीन हाइड्रोजन की कीमतें तेजी से गिर रही हैं। हालांकि जिंदल ने कहा कि इस्पात उद्योग को वर्ष 2070 तक पूरी तरह कार्बन-मुक्त बनने की भारत की प्रतिबद्घता में बड़ी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत होगी। उन्होंने बंगाल चैम्बर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (बीसीसीऐंडआई) द्वारा आयोजित मिनरल्स, माइनिंग ऐंड मेटल्स ई-कॉन्कलेव को संबोधित करते हुए कहा कि इस्पात उद्योग का दुनिया के आर्थिक उत्पादन में 0.7 प्रतिशत का योगदान है और वैश्विक उत्सर्जन में भी उद्योग 7 प्रतिशत योगदान देता है। जिंदल ने कहा, 'इसके लिए तेजी से बदलाव लाने की जरूरत होगी।' लेकिन जिंदल ने इस बदलाव के लिए नीतिगत स्तर पर पहलों का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, 'कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए इस्पात मिलों को अपग्रेड करने और संबंधित पहलों को उद्योग के साथ साथ नीतिगत स्तर पर भी आगे बढ़ाने की जरूरत होगी।' जिंदल ने कहा कि श्रेष्ठ उपलब्ध प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के साथ, कम कार्बन इस्पात निर्माण सुविधाजनक प्रणालियों के साथ बेहद प्रतिस्पर्धी बन जाएगा। उन्होंने कहा, 'जहां इस संबंधित बदलाव की अवधि ऊंची आरंभिक पूंजी लागत से जुड़ी हो सकती है, वहीं परिचालन लागत, सुनियोजित नीति के जरिये सुरक्षित सरकारी मदद यह सुनिश्चित करेगी कि उद्योग इस बदलाव से निरुत्साहित नहीं होगा।' उन्होंने कहा, 'उपयुक्त पर्यावरण अनुकूल इस्पात उत्पादन में अभी एक दशक से ज्यादा समय लग सकता है, भले ही जेएसडब्ल्यू समेत दुनिया के प्रमुख इस्पात निर्माता कार्बन-अनुकूल उद्देश्यों को पूरा करने की प्रकिया अपनाने की योजनाएं तैयार करने में जुटे हुए हैं। इस संदर्भ में, स्वच्छ हाइड्रोजन पर ध्यान देना शुद्घ रूप से उत्सर्जन मुक्त बनने की दिशा में त्वरित समाधान हो सकता है।' जेएसडब्ल्यू स्टील ने वित्त वर्ष 2030 तक सीओ-2 उत्सर्जन में 42 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा है, जो इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) के सस्टेनेबल डेवलपमेंट सिनेरियो (एसडीएस) के उसके लक्ष्य के अनुरूप है। जेएसडब्लयू स्टील समेत प्रमुख इस्पात उत्पादकों ने विस्तार योजनाओं की घोषणा की है। जिंदल ने कहा कि जेएसडब्लयू स्टील अप्रत्याशित दर पर क्षमता वृद्घि कर रही थी। उन्होंने कहा, 'अगले चार साल के दौरान हमारा नियोजित विस्तार पिछले दो दशकों में हमारे द्वारा हासिल क्षमताओं के लगभग समान है।' हालांकि उन्होंने कहा कि सभी वृद्घि ज्यादा लागत किफायती, कम संसाधन केंद्रित तरीकों में निरंतर निर्माण की दिशा में प्रयासों के जरिये संभव होगी। उन्होंने कहा, 'हम अपनी सभी जरूरतों के लिए अक्षय ऊर्जा पर अपनी निर्भरता बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं।'
