पेटीएम की सहायक इकाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक ने गुरुवार को कहा कि उसे अधिसूचित पेमेंट बैंक के तौर पर परिचालन करने के लिए बैकिंग नियामक की मंजूरी मिल गई है जिससे बैंक को नए व्यावसायिक अवसर तलाशने के लिए कई और रास्ते खुल गए हैं। बैंक ने अपने एक बयान में कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1934 के लिए दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है। इस घोषणा के बाद पेटीएम का शेयर भाव 2.62 प्रतिशत बढ़कर 1594.55 रुपये पर पहुंच गया। सूचीबद्घता के बाद पेटीएम का शेयर भाव दबाव में बना हुआ था। दिलचस्प बात यह है कि रिजर्व बैंक ने 7 अक्टूबर, 2021 को जारी एक अधिसूचना में कहा था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को दूसरी अनुसूची में शामिल कर लिया गया है। इसके बारे में 2-8 अक्टूबर, 2021 को भारत के राजपत्र में जानकारी प्रकाशित की गई थी। अधिसूचित बैंक दर्जे के साथ पेमेंट बैंक अब सरकारी और अन्य बड़े निगमों द्वारा जारी प्रस्ताव अनुरोध (आरएफपी), प्राथमिक नीलामियों, निर्धारित दर और विभिन्न दर रीपो, और रिवर्स रीपो के साथ साथ मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी में भागीदारी कर सकेगा। इसके अलावा, बैंक अब सरकार की वित्तीय समावेशन योजना में भागीदार बनने में भी सक्षम होगा। अधिसूचित बैंक बनने का लाभ यह भी है कि यह बैंक दर पर आरबीआई से पुनर्वित्त सुविधा का पात्र बन गया है और मौद्रिक भंडारण सुविधा तक उसे पहुंच हासिल होगी। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अलावा, फिनो पेमेंट्स बैंक और इंडियापोस्ट पेमेंट्स बैंक को भी दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है। आरबीआई ऐक्ट 1934 के अनुसार, बैंकों ने आरबीआई को संतुष्ट किया है कि उनके मामले उनके जमाकर्ताओं के हितों के अनुरूप नहीं हैं और उन्हें दूसरी अनुसूची में शामिल किया गया है। विश्लेषकों का कहना है कि बैंक के तौर पर परिचालन शुरू करने के एक साल बाद नियामक निगरानी आकलन करता है और यदि मामले क्रमबद्घ पाए जाते हैं तो बैंकिंग संस्था को सेकंड शिड्यूल सूची में शामिल करने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाती है। यह स्वत: अपग्रेड होने वाली प्रक्रिया नहीं है। इसमें सबसे पहले नियामक को संतुष्ट करना होता है, तभी सरकार को सलाह देनी होती है, जिसमें बैंक को दूसरी अनुसूची में शामिल करने जैसे मुद्दे शामिल होते हैं, जिसके बाद सरकारी गैजेट जारी होता है बैंक को दूसरी अनुसूची में जगह दे दी जाती है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी सतीश कुमार गुप्ता ने कहा, 'हमने डिजिटल बैंकिंग सेवाओं की तेज स्वीकार्यता दर्ज की है और उपयोगकर्ता भारत में बैंकिंग के इस नए स्वरूप को तेजी से पसंद कर रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1934 के लिए दूसरी अनुसूची में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को शामिल करने से हमें ज्यादा वित्तीय सेवाएं और उत्पाद भारत में सुविधाओं से वंचित लोगों तक लाने में मदद मिलेगी।' 31 मार्च, 2021 तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक के 6.4 करोड़ बचत खाते थे और 52 अरब रुपये से ज्यादा की जमा राशि थी।
