निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अगले वर्ष 31 जनवरी तक के लिए स्थगित रहेंगी। नागर विमानन महानिदेशालय ने आज एक परिपत्र जारी कर यह जानकारी दी। उड़ानों को स्थगित करने का निर्णय कोरोनावायरस के नए रूप ओमीक्रोन के वैश्विक प्रसार के मद्देनजर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है। कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन के कारण भारत में 23 मार्च, 2020 से निर्धारित अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवाओं को निलंबित कर दिया गया। हालांकि वंदे भारत मिशन के तहत मई 2020 से और जुलाई 2020 से चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय एयर बबल समझौते के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित हो रही हैं। बबल समझौतों के तहत उड़ानें निर्धारित प्रकृति की हैं। इसके तहत विमानन कंपनियों पर प्रतिबंध लगा हुआ है। उदाहरण के लिए विदेशी विमानन कंपनियों पर आगे से गंतव्यों के लिए टिकट बेचने पर प्रतिबंध है और केवल कुछ मामलों में केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने की अनुमति है। भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, भूटान और फ्रांस सहित लगभग 32 देशों के साथ हवाई बबल समझौते किए हैं। इस सूची में नया नाम स्वीटजरलैंड का है। हालांकि, अब तक स्विटजरलैंड से उड़ानों की शुरुआत नहीं हुई है। दो देशों के बीच एक बबल समझौते के तहत, विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें उनकी एयरलाइनों द्वारा उनके क्षेत्रों के बीच संचालित की जा सकती हैं। बुधवार तक 573 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भारत आने और यहां से जाने के लिए परिचालित थीं जो कि 2019 के शीतकालीन निर्धारित उड़ानों का करीब 47 फीसदी है।
