भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रिलायंस कैपिटल (आरकैप) के बोर्ड को समाप्त करने के कदम से उसकी सहायक इकाइयों रिलायंस कमर्शियल फाइनैंस और बीएसई में सूचीबद्घ रिलायंस होम फाइनैंस की कायाकल्प योजनाओं पर पानी फिर सकता है। इन सहायक इकाइयों को उनके ऋणदाताओं द्वारा शुरू की गईं अलग अलग कर्ज समाधान योजनाओं से गुजरना पड़ रहा है। अनिल अंंबानी समूह के एक करीबी सूत्र ने कहा कि ज्यादातर ऋणदाता पहले से ही दोनों कंपनियों के कर्ज समाधान के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजर रहे हैं और आरबीआई रिलायंस कैपिटल के साथ दोनों कंपनियों के कर्ज समाधान से नहीं जोड़ सकता। आरबीआई ने दोनों प्रस्तावों को मंजूर नहीं किया था और वह ऑथम फाइनैंस की 'फिट ऐंड प्रॉपर' शर्त पर विचार कर रहा है। इस साल जुलाई में, रिलायंस कमर्शियल फाइनैंस (आरसीएफ) के ऋणदाताओं ने ऑथम इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को कंपनी के लिए करीब 1,600 करोड़ रुपये की पेशकश किए जाने के बाद सफल बोलीदाता के तौर पर चुना था। इसी तरह, ऋणदाताओं ने जुलाई में 2,911 करोड़ रुपये के लिए रिलायंस होम फाइनैंस के लिए ऑथम की पेशकश पर भी सहमति जताई थी। रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस के लिए ऑथम की कर्ज समाधान योजना 7 जून, 2019 को फंसे कर्ज के लिए आरबीआई के नियम के तहत स्वीकृत की गई थी। कर्ज समाधान योजना के अनुसार, आरसीएफ के समाधान से उसकी पैतृक रिलायंस कैपिटल का कुल कर्ज 9,000 करोड़ रुपये तक घट जाएगा। इसी तरह, रिलायंस होम फाइनैंस का कर्ज 11,200 करोड़ रुपये का था और ऋणदाताओं ने ऑथम की समाधान योजना को स्वीकार करते हुए बड़ी राशि बट्टे खाते में डाली। ऋणदाताओं ने पिछले साल अक्टूबर में रिलायंस कैपिटल की बिक्री प्रक्रिया भी शुरू की थी और उसकी परिसंपत्तियां बेचने के लिए एसबीआई कैप्स तथा जेएम फाइनैंशियल को सलाहकार नियुक्त किया था। हालांकि इन सलाहकारों को वैश्विक था स्थानीय, दोनों निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली, लेकिन कानूनी प्रक्रिया की वजह से किसी तरह का सौदा पूरा नहीं हो सका। आरसीएल के वाणिज्यिक वित्त व्यवसाय को 1 अप्रैल, 2016 से पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई रिलायंस कमर्शियल फाइनैंस से अलग किया गया था। कंपनी रिलायंस मनी ब्रांड नाम से एसमई ऋण, ढांचागत वित्त, निर्माण उपकरण ऋणों आदि से जुड़ी हुई थी। वर्ष 2019 तक, कंपनी को अपने ऋण चुकाने में समस्या होने लगी और इस वजह से बैंकों ने आरबीआई नियमों के तहत अपने कर्ज सुलझाने का निर्णय लिया।
