इंडियन चैंबर आफ कॉमर्स (आईसीसी) के सदस्यों को संबोधित करते हुए आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमारमंगलम बिड़ला ने कहा कि आने वाले दशक में विभिन्न क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में बढ़ोतरी नजर आएगी। बिड़ला ने कहा, 'मेरा मानना है कि हम आगामी कैपेक्स महोत्सव के दशक में प्रवेश करने जा रहे हैं।' बिड़ला का मानना है कि 2021 नया 1991 है, जब भारत की यात्रा एक पड़ाव से बढ़ती दिख रही है। उन्होंने कहा कि बढ़ा पूंजीगत व्यय उनमें से एक है और सार्वजनिक क्षेत्र व निजी क्षेत्र दोनों का पूंजीगत व्यय बढ़ेगा। उन्होंने कहा, 'हम नैशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) जैसे सार्वजनिक व्यय देख रहे हैं, जिसका आकार 1.5 लाख करोड़ डॉलर या अमेरिका द्वारा दिए गए प्रोत्साहन पैकेज से भी ज्यादा है। बुनियादी योजना में सभी क्षेत्र जैसे सड़कें, बंदरगाह, हवाईअड्डे, जलमार्ग, बिजली और टेलीकॉम आते हैं। इसकी कल्पना करें कि इन परियोजनाओं में हर साल करीब 300 अरब डॉलर निवेश होने जा रहा है। आर्थिक गतिविधियों को इससे प्रोत्साहन मिलेगा।' उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे के अलावा बैंक व कॉर्पोरेट बैलेंस शीट भी आज मजबूत आकार ले रहे हैं। आदित्य बिड़ला समूह अपनी विभिन्न कंपनियों में अगले 12 महीने में 3 अरब डॉलर निवेश करने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि भारत के भविष्य की वृद्धि के प्रमुख चालक 'सिलिकॉन और सनशाइन' हैं। डिजिटल अर्थव्यवस्था (सिलिकॉन चिप पर आधारित) और सौर ऊर्जा पर आधारित अर्थवव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाने जा रहा है। बिड़ला ने अपने भाषण में कहा, 'सुधार की ताकत। निवेश की ताकत। डिजिटल व हरित तकनीक की ताकत। और युवा व उद्यमिता की ताकत। मुझे भरोसा है कि इन 5 ताकतों से भारत अगले कुछ दशकों में बढ़ेगा। भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की स्थिति में है, यह इसकी अपरिहार्य नियति है।'
