बाजार पूंजीकरण के लिहाज से दूसरी सबसे बड़ी सूचीबद्घ रियल्टी कंपनी मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा) ने पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये पिछले सप्ताह 4,000 करोड़ रुपये जुटाए। कंपनी ने इस पूंजी का इस्तेमाल मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और पुणे में अंडर-रीप्रेजेंटेड माइक्रो-बाजारों के विकास पर करने की योजना बनाई है। आईटी सेक्टर से मांग को देखते हुए कंपनी बेंगलूरु के बाजार में प्रवेश की भी संभावना तलाश रही है। इक्विटी विकल्प के जरिये कोष उगाही पहले से ही संभावित थी, क्योंकि कंपनी में प्रवर्तक शेयरधारिता सूचीबद्घता से तीन साल के अंदर 88.5 प्रतिशत से घटाकर 75 प्रतिशत किए जाने की जरूरत थी। हालांकि एमके रिसर्च के आयुष बंसल और राहुल जैन ने कहा कि कोष उगाही का समय अनुमान से काफी पहले है, क्योंकि मैक्रोटेक ने अपनी दूसरी तिमाही की बैठक में संकेत दिया था कि वे अगले 12 महीनों में पूंजी जुटाएगी। इस महीने करीब 29 प्रतिशत की तेजी दर्ज कर चुकेइस शेयर के लिए अल्पावधि कारक बुकिंग या पूर्व-बिक्री में लगातार तेजी और कर्ज में कमी होगी। कंपनी ने दूसरी तिमाही में 2,003 करोड़ रुपये की पूर्व-बिक्री दर्ज की, जो सालाना आधार पर 88 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 104 प्रतिशत तक ज्यादा है। कंपनी को नई पेशकशों की मदद से 9,000 करोड़ रुपये की पूर्व-बिक्री दर्ज होने का भरोसा है। कंपनी ने संकेत दिया है कि कोष उगाही के बाद उसने वित्त वर्ष 2024 तक अपनी पूर्व-बिक्री 14,000 करोड़ रुपये और फिर इसे वित्त वर्ष 2026 तक बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये तक करने का लक्ष्य रखा है। यह वित्त वर्ष 2022-26 की अवधि के दौरान 22 प्रतिशत की सालाना चक्रवृद्घि वृद्घि दर है। इस लक्ष्य को देखते हुए बाजार जरूरी पूंजी और कर्ज स्तरों पर नजर लगाए रखेगा। कंपनी के प्रबंध निदेशक अभिषेक लोढा ने संकेत दिया है कि कोष उगाही से कंपनी को कर्ज घटाने और संयुक्त विकास समझौते (या जेडीए मॉडल) के जरिये विस्तार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैक्रोटेक का मजबूत जेडीए है और उसने अगली 6 तिमाहियों में 3,000 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनाई है। जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों के अनुसार, कंपनी ने ताजा कोष उगाही के बाद जेडीए समझौते करने की योजना बनाई है जिनसे अगले डेढ़ साल के दौरान 40,000 करोड़ रुपये की बिक्री में मदद मिलेगी। वह मजबूत हो रहे आवासीय बाजार से लाभ हासिल करने की अच्छी स्थिति में है और साथ ही उसे सभी आकार की परियोजनाओं के साथ एमएमआर के प्रमुख बाजारों में सुधार से भी मदद मिलेगी। हालांकि सितंबर तिमाही के अंत में कंपनी का शुद्घ कर्ज 12,500 करोड़ रुपये पर रहा औ उसने वित्त वर्ष 2022 के अंत तक इसे घटाकर 10,000 करोड़ रुपये पर लाने का लक्ष्य रखा है। कंपनी को वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 5,500 करोड़ रुपये के नकदी प्रवाह की संभावना है, जबकि पहली छमाही में समान अवधि के दौरान उसने लगभग 3,000 करोड़ रुपये की पूंजी निकासी दर्ज की थी।
