देश की सबसे बड़ी पेंट फर्म एशियन पेंट्स के प्रवर्तकों में से एक दानी फैमिली प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म इनगवर्न के निशाने पर आ गई है। इनगवर्न ने एशियन पेंट्स और पालादिन पेंट्स ऐंड केमिकल्स (दानी के स्वामित्व वाली प्राइवेट कंपनी) के बीच संबंधित पक्षकार के कई लेनदेन पर सवाल उठाया है। इनगवर्न ने अपने क्लाइंटों को भेजी रिपोर्ट में कहा है, विस्तृत खुलासे का अभाव और पालादिन समेत अन्य कंपनियों से काफी ज्यादा खरीद विचित्र है। उदाहरण के लिए साल 2019-20 में एशियन पेंट्स ने अपने कच्चे माल का 5.8 फीसदी उन कंपनियों से खरीदा, जिसका नियंत्रण प्रवर्तकों के पास है। पालादिन की हिस्सेदारी प्रवर्तक नियंत्रित इकाइयों से हुई खरीद की वैल्यू में सिर्फ 7 फीसदी रही। एशियन पेंट्स के अधिकारी ने कहा कि कंपनी की ऑडिट समिति में ज्यादातर स्वतंत्र निदेशक व प्रवर्तक निदेशक हैं और वे संबंधित पक्षकार के लेनदेन पर चर्चा वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेते। अधिकारी ने कहा, पीपीसीएल के साथ संबंधित पक्षकार सौदे के तहत प्रवर्तक इकाई की तरफ से हुई खरीद में पीपीसीएल की हिस्सेदारी 7 फीसदी रहने की बात करना तथ्यात्मक तौर पर गलत है। वित्त वर्ष 2019-20 में संबंधित पक्षकार लेनदेन के तहत हुई 553.88 करोड़ रुपये की खरीद में से पीपीसीएल से महज 1.3 करोड़ रुपये की खरीद हुई। बीएसई पर एशियन पेंट्स का शेयर 3,158 रुपये पर बंद हुआ और कुल बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ रुपये रहा। प्रवर्तकों/निदेशकों की तरफ से हितों का टकराव देखने को मिला, जिनके पास पालादिन पेंट्स ऐंड केमिकल्स का स्वामित्व है। ऐसे में इनवगर्न ने कहा है कि प्रवर्तक निदेशकों (जिनके पास एशियन पेंट्स को सामान की आपूर्ति करने वाली इकाई का नियंत्रण है), को एशियन पेंट्स के निदेशक मंडल से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। इनगवर्न ने कहा, सेबी को इसकी जांच करने की दरकार है और ऐसी बड़ी सूचीबद्ध इकाई की तरफ से संबंधित पक्षकार के लेनदेन पर विस्तृत खुलासे पर जोर दिया जाना चाहिए। इनगवर्न ने कहा है कि एम के शर्मा (आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन) की अगुआई वाली एशियन पेंट्स की ऑडिट कमेटी को खुलासा सुनिश्चित करना चाहिए ताकि निवेशकों को यह नहींं लगे कि कंपनी पारदर्शी क्यों नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है, ऑडिट कमेटी में सिर्फ स्वतंत्र निदेशक नहीं हैं बल्कि प्रवर्तक निदेशक भी हैं। एशियन पेंट्स को सुनिश्चित करना चाहिए कि इस समिति में सिर्फ स्वतंत्र निदेशक हों।
