बीएसई की इकाई एशिया इंडेक्स ने घोषणा की है कि विपो को 30 शेयर वाले सेंसेक्स में बजाज ऑटो की जगह शामिल किया जाएगा। यह बदलाव छमाही पुनर्संतुलन बदलाव का हिस्सा है। विश्लेषकों का मानना है कि इस बदलाव के तहत विप्रो में पैसिव फंडों द्वारा करीब 1,300 करोड़ रुपये की खरीदारी दर्ज की जाएगी, जबकि बजाज ऑटो में 636 करोड़ रुपये की बिकवाली होगी। यह नया बदलाव 20 दिसंबर से प्रभावी होगा। ऐसा क्यों होगा? स्वतंत्र शोध विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास का कहना है कि सेंसेक्स पर केंद्रित पैसिव परिसंपत्तियां करीब 86,650 करोड़ रुपये की हैं। इसके अलावा, सेंसेक्स के लिए बड़ी तादाद में सक्रिय प्रबंधित घरेलू इक्विटी म्युचुअल फंड नजर रखते हैं। फ्रीटास का कहना है, 'ये फंड सूचकांक के लिए अपने पोर्टफोलियो को अनुरूप बनाने के कारोबार करेंगे, लेकिन वे नए सूचकांक निर्माण के प्रभावी होने के पुनर्संतुलन से पहले या बाद कारोबार कर सकते हैं।' जब बात ईटीएफ की हो तो घरेलू और वैश्विक बाजारों में कई फंड सेंसेक्स के प्रदर्शन से संबंधित हैं। भारत में, सबसे बड़ा है एसबीआई ईटीएफ सेंसेक्स, जिसकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 60,022 करोड़ रुपये हैं। वैश्विक बाजार में, सबसे बड़ा ईटीएफ है आईशेयर्स ईटीएफ, जो हांगकांग में सूचीबद्घ है। इसकी एयूएम 764 करोड़ रुपये हैं। खरीदारी और बिक्री की मात्रा को किसी सूचकांक के पुनर्संतुलन के लिए शेयर में दैनिक कारोबार के नजरिये से भी देखने की जरूरत होती है। फ्रीटास का कहना है कि सेंसेक्स केंद्रित योजनाएं को पुन: संतुलित बनाने के लिए विप्रो की औसत 2.5 दिनों दैनिक कारोबार की खरीदारी और बजाज ऑटो की 4.5 दिन औसत दैनिक बिक्री की जरूरत होगी। डिलिवरी आधारित कारोबार के संदर्भ में, यह प्रभाव विप्रो के लिए 8.2 दिन और बजाज ऑटो के लिए 8.9 पपर ज्यादा है। दिनों की ज्यादा संख्या का शेयर कीमत पर ज्यादा प्रभाव हो सकता है। इसलिए, क्या नए सेंसेक्स पुनर्संतुलन के संदर्भ में सुझाव है? इस बारे में फ्रीटास ने बजाज ऑटो को बेचने और हीरो मोटोकॉर्प को खरीदने की सलाह दी है।
