हाइब्रिड योजनाओं ने इस वित्त में इक्विटी श्रेणी के मुकाबले ज्यादा पूंजी प्रवाह आकर्षित किया। निवेशकों ने भारतीय इक्विटी में भारी तेजी के बीच अपने पोर्टफोलियो को पुन: संतुलित बनाया है और मुनाफावसूली की है। अक्टूबर में, हाइब्रिड योजनाओं में शुद्घ पूंजी प्रवाह 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का रहा, जिसके साथ ही वित्त वर्ष 2022 में ऐसी योजनाओं में कुल प्रवाज बढ़कर 79,431 करोड़ रुपये हो गया। इक्विटी योजनाओं ने समान अवधि में करीब 64,651 करोड़ रुपये का प्रवाह हासिल किया। सभी हाइब्रिड उप-श्रेणियों (आर्बिट्राज और हाइब्रिड एग्रेसिव/बैलेंस्ड स्कीम को छोड़कर) ने अक्टूबर में पूंजी प्रवाह दर्ज किया। मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य व्यावसायिक अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, 'मोटे तौर पर, इक्विटी में निवेशकों का मन बना हुआ है, लेकिन हमें निवेशकों में मुनाफावसूली की धारणा को देखना होगा। साथ ही, हाइब्रिड और बैलेंस एडवांटेज कैटेगरी में ऊंचे शुद्घ प्रवाह से पता चलता है कि छोटे निवेशक मौजूदा बाजार स्तरों पर सतर्क रुख अपना रहे हैं और इक्विटी में अपना निवेश सीमित कर रहे हैं। यह रणनीति विभिन्न म्युचुअल फंडों के प्रॉपराइटरी मूल्यांकन मॉडलों का इस्तेमाल करने का अच्छा तरीका है, और साथ ही यह सह किसी बड़ी गिरावट के अवसर पर नकदी निवेश करने का भी है।' एसआरई वेल्थ के मुख्य कार्याधिकारी कीर्तन शाह ने कहा, 'जब बात इक्विटी की हो तो निवेशक यह मान रहे हैं कि मौजूदा स्तर टिकाऊ नहीं हैं और यह एकमुश्त निवेश का सही समय नहीं है। इसलिए मौजूदा समय में रणनीति अस्थायी तौर पर हाइब्रिड फंडों में पैसा लगाने की होनी चाहिए।' हाइब्रिड उप-श्रेणियों में, डायनेमिक ऐसेट एलोकेशन/बैलेंस एडवांटेक फंडों को वित्त वर्ष 2022 में 40,594 करोड़ रुपये का मजबूत पूंजी प्रवाह हासिल हुआ। वहीं अगस्त में एसबीआई बैलेंंस्ड एडवांटेज फंड की सफलता के साथ इस श्रेणी में 16,571 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया था। एसबीआई बैलेंंस्ड एडवांटेज फंड ने 14,551 करोड़ रुपये जुटाए थे। 31 अक्टूबर तक 1.56 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों के साथ यह श्रेणी हाइब्रिड फंडों में सर्वाधिक परिसंपत्तियों में शामिल रही। वैल्यू रिसर्च के अनुसार, एक वर्षीय अवधि के लिए, डायनेमिक ऐसेट एलोकेशन श्रेणी ने 21.3 प्रतिशत का प्रतिफल दिया। यह मल्टी ऐसेट ऐलोशन और बैलेंस्ड हाइब्रिड फंडों को छोड़कर अन्य हाइब्रिड श्रेणियों के मुकाबले ज्यादा है। डायनेमिक ऐसेट एलोकेशन रणनीति इक्विटी, डेट और डेरिवेटिव में निवेश से जुड़ी होती है। जब इक्विटी बाजार ऊंचाई पर होता है, डेट में निवेश आवंटन बढ़ जाता है। यह आवंटन एक फंड हाउस से दूसरे के लिए अलग अलग होता है। एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, 'यह देखना सुखद है कि निवेशक ऐसी योजनाओं का चयन करने में सक्षम हो रहे हैं जो एडवांटेज योजनाओं, फ्लेक्सी-कैप योजनाओं, के जरिये डेट और इक्विटी का मजबूत मिश्रण प्रदान करती हैं और अपनी स्वयं की सेवानिवृति तथा बच्चों के कल्याण के लिए दीर्घावधि वित्तीय योजनाओं के लिए निवेश के तौर पर म्युचुअल फंडों का चयन कर रहे हैं। इसकी पुष्टि मासिक एसआईपी योगदान 10,518 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर समेकित होने से स्पष्ट रूप से हुई है।' बीएसई का सेंसेक्स अब मनोवैज्ञानिक स्तर 60,000 के आंकड़े से नीचे आ गया है, लेकिन यह इस साल अब तक 25 प्रतिशत तक ऊपर बना हुआ है।
