दिसंबर तक कुछ जीवन बीमा कंपनियां सावधि बीमा का प्रीमियम बढ़ाने की तैयारी में हैं, जबकि कुछ अन्य जनवरी तक बढ़ा सकती हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद बीमा कंपनियों और पुनर्बीमा कंपनियों दोनों का नुकसान हुआ है, जिसकी वजह से वैश्विक पुनर्बीमा कंपनियों की ओर से दबाव बढ़ा है। सावधि योजना की कीमत लंबी अवधि से विश्व के अन्य देशों की तुलना में कम है, लेकिन पिछले 2 साल से कुछ बार कीमत बढ़ाई गई है। बहरहाल उद्योग का मानना है कि दरों में यह बढ़ोतरी अगले कुछ साल तक रह सकती है, जब तक कि पुनर्बीमा कंपनियों का मृत्यु के आंकड़ों का अनुभव खराब न हो जाए। उद्योग के जानकारों का कहना है कि इस बार सावधि योजना के दाम में 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। यह बीमाकर्ता के आकार और पुनर्बीमाकर्ता के साथ मोलभाव की उनकी क्षमता पर निर्भर होगा। बड़ी बीमा कंपनियों के पास संख्या बल होगा और इसके माध्यम से वे कम बढ़ोतरी के लिए मोलभाव कर सकती हैं और वे कुछ बढ़ोतरी का बोझ खुद भी उठा सकती हैं और शेष का बोझ ग्राहकों पर डाल सकती हैं, जिससे उनकी बाजार हिस्सेदारी बची रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटी कंपनियां बढ़ोतरी के बोझ का बड़ा हिस्सा ग्राहकों पर डाल सकती हैं, जिससे कि उनको कुछ मुनाफा हो सके। वैश्विक पुनर्बीमाकर्ता म्यूनिख रे ने अपने बीमा साझेदारों को सितंबर में बढ़ोतरी के संकेत दिए थे। बीमाकर्ताओं ने इसे लेकर पुनर्बीमाकर्ता से बढ़ोतरी की मात्रा के बारे में बातचीत शुरू की थी। सामान्यतया बीमाकर्ता पूरी बढ़ोतरी का बोझ ग्राहकों पर नहीं डालते हैं, जिससे मांग बनी रहे। अब तक बीमाकर्ताओं ने आधिकारिक रूप से प्रीमियम बढ़ोतरी की मात्रा के बारे में कोई सूचना नहीं दी है, लेकिन उद्योग जगत के एक आंतरिक सूत्र ने कहा कि दिसंबर से यह बढ़ोतरी 25 से 40 प्रतिशत तक हो सकती है। बड़ी कंपनियां ऐसा दिसंबर से करेंगी, जबकि कुछ कंपनियां जनवरी में प्रीमियम बढ़ाएंगी। संभवत: पुनर्बीमाकर्ता की ओर से बढ़ाई गई राशि का पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा क्योंकि पुनर्बीमाकर्ताओं ने 30 से 48 प्रतिशत बढ़ोतरी को कहा है। उन्होंने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा कि ऐसी स्थिति में बीमाकर्ता बढ़े प्रीमियम का कुछ बोझ खुद उठा सकते हैं। बीमा सेवा प्रदाता पॉलिसी एक्स के संस्थापक और सीईओ नवल गोयल ने कहा, 'कुछ बीमाकर्ता दिसंबर से प्रीमियम बढ़ा सकते हैं। यह बढ़ोतरी 20-30 प्रतिशत की सीमा में हो सकती है। सावधि योजना की कीमत अब स्थिर हो सकती है क्योंकि पिछले 2-3 साल में प्रीमियम में बहुत कम बढ़ोतरी हुई है। लेकिन ज्यादा कुछ बीमाकर्ताओं व पुनर्बीमाकर्ताओं के मृत्यु दर के अनुभवों पर निर्भर होगा।' एचडीएफसी लाइफ के सीएफओ नीरज शाह ने कहा, 'मूल्य के पुनर्निर्धारण को लेकर पुनर्बीमा कंपनियों के साथ इस समय चर्चा चल रही है और कीमत में बढ़ोतरी की मात्रा के बारे में अभी फैसला होना बाकी है। वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही से नई दरों की उम्मीद है। हम सूक्ष्म जोखिम आधारित मूल्य निर्धारण के दृष्टिकोण का पालन करना जारी रखेंगे और नए अनुभवों के मुताबिक ग्राहकों के लिए कीमत में बढ़ोतरी करेंगे।' सावधि बीमा के बारे में जागरूकता महामारी आने के बाद बढ़ी और ऐसी पॉलिसियों की मांग बढ़ गई क्योंकि ग्राहक कोविड-19 जैसी महामारी की अनिश्चितताओं के बीच जीवन बीमा चाहते थे। लेकिन कोविड-19 के पहले से ही जीवनबीमा कर्ता सावधि बीमा को लेकर आक्रामक थे, क्योंकि यह मुनाफे का कारोबार था। इसकी वजह से कीमतों को लेकर जंग छिड़ गई, जहां हर कोई सस्ती दरों पर सावधि बीमा उत्पादों की पेशकश पर विचार कर रहा था। लेकिन अंडरराइटिंग की गुणवत्ता गिर गई। और कोविड-19 ने इसमें और आग लगा दी, जो पहले ही आग से घिरी थी। महामारी के कारण बीमाकर्ताओं ने अपने अंडरराइटिंग मानक कड़े किए। विशेषज्ञों का कहना है कि कीमत निर्धारण और अंडरराइटिंग मानक समय के साथ भौगोलिक और जनसांख्यिकीय कवरेज के विस्तार के अनुरूप विकसित होंगे। बजाज अलियांज में नियुक्त एक्चुअरी अवधेश गुप्ता ने कहा, 'पुनर्बीमाकर्ता अपने मूल्य में बढ़ोतरी कर रहे हैं, ऐसे में बीमा कंपनियों को भी अपनी मौजूदा दरों में बदलाव करना होगा। पिछले कुछ महीने में बढ़ोतरी हुई है, वहीं मेरा मानना है कि नई कीमत मझोली से लंबी अवधि के लिए जारी रहेगी।' एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ विघ्नेश शहाणे ने कहा, 'भारत में सावधि योजना की कीमत दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम है। लेकिन महामारी में खासकर कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में दावे आए हैं और बीमाकर्ता, खासकर पुनबीर्माकताओं को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में उन्होंने बीमा कंपनियों को सूचित किया कि वे इस उत्पाद की कीमत में बढ़ोतरी करेंगे। खुदरा ग्राहकों के लिए प्रीमियम में 20 से 40 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है, जो बीमा कंपनी और उसकी मोल तोल करने की क्षमता पर निर्भर होगा। एजेस फेडरल ने बढ़ी कीमतों के लिए पहले ही नियामक के पास आवेदन कर दिया है और हमारे पास इसके लिए 31 दिसंबर तक का वक्त है।' वैश्विक पुनर्बीमा कंपनियों के कवर न लेने वाली बीमा कंपनियां भी सावधि योजना की दरें बढ़ाने जा रही हैं। इंडिया फस्र्ट लाइफ इंश्योरेंस के डिप्टी सीईओ ऋषभ गांधी ने कहा, 'हमारे पुनर्बीमाकर्ता ने अप्रैल, 2021 में हमारी प्रोटेक्शन योजना की प्रीमियम की दरों में पिछली बढ़ोतरी की थी। ग्राहकों की प्राथमिकता की नीति को ध्यान में रखते हुए हम बढ़ी दरों के एक हिस्से का बोझ खुद उठाएंगे और उसके एक हिस्से का बोझ ही उपभोक्ताओं पर डालेंगे।'
