क्या अब स्कूटर के इलेक्ट्रिक मॉडल आने से दोपहिया बाजार में मोटरसाइकिल का वर्चस्व खत्म हो जाएगा। यदि आप एथर एनर्जी और हीरो इलेक्ट्रिक जैसी इलेक्ट्रिक दोपहिया बनाने वाली कंपनियों से पूछेंगे तो जवाब बिल्कुल हां है। दोपहिया बाजार में सालाना करीब 2 करोड़ वाहनों की बिक्री होती है जिसमें मोटरसाइकिल की हिस्सेदारी करीब दो-तिहाई है। ओला इलेक्ट्रिक का मानना है कि इलेक्ट्रिक स्कूटर के आने से दोपहिया वाहनों की पहुंच नाटकीय तौर पर करीब तीन गुना बढ़ जाएगी। विश्लेषकों का मानना है कि स्कूटर बनाम मोटरबाइक अनुपात 33:66 से बढ़कर 50:50 तक पहुंच सकता है। हालांकि पेट्रोल इंजन के साथ स्कूटर बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि इस तरह के गतिशील बाजार में अगले चार-पांच साल के परिदृश्य का अंजादा कोई नहीं लगा सकता है। हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल का मानना है कि अगले चार-पांच साल में स्कूटर बनाम मोटरबाइक के मौजूदा 33:66 के अनुपात में बदलाव होगा क्योंकि वह वैश्विक रुझान का हिस्सा है। इसके तहत 100 सीसी और 125 सीसी क्षमता के पेट्रोल इंजन वाली दोपहिया श्रेणी में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की पैठ बढ़ रही है। मुंजाल ने कहा, 'मोबाइक्स को कहीं अधिक ताकत और गति की जरूरत होती है जिसका मतलब बड़ी और नॉन-पोर्टेबल बैटरी से है जो एक बड़ी चुनौती है। हम लघु एवं मध्यावधि में स्कूटरों को हावी होते हुए देख सकते हैं। कुल इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री में इलेक्ट्रिक स्कूटरों की हिस्सेदारी पहले से ही 90 फीसदी से अधिक है।' एथर एनर्जी के सह-संस्थापक एवं सीईओ तरुण मेहता ने भी इससे सहमति जताते हुए इंगित किया कि स्कूटर बाजार कुल दोपहिया बाजार पर हावी हो जाएगा क्योंकि प्रति व्यक्ति आय 2,500 डॉलर से बढ़कर 4,000 डॉलर हो गई है। उन्होंने कहा, 'अगले 5 से 10 वर्षों के दौरान इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में स्कूटरों की हिस्सेदारी कहीं अधिक होगी। आज दोपहिया बाजार में मोटरसाइकिल एवं स्कूटरों का अनुपात 2:1 है। इसमें तेजी से बदलाव होगा।' उन्होंने उम्मीद जताई कि पेट्रोल एवं इलेक्ट्रिक दोनों इंजन वाले दोपहिया का कुल सालाना बाजार मौजूदा 60 से 70 करोड़ वाहन से बढ़कर अगले कुछ वर्षों में करीब 1 करोड़ वाहन तक पहुंच जाएगा। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि मोबाइक से स्कूटर में बदलाव धीरे-धीरे होगा। नोमुरा के प्रमुख (ऑटो रिटेल) हर्षवर्धन शर्मा का मानना है कि एक अनुकूल परिदृश्य में स्कूटर की हिस्सेदारी बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगी। उन्होंने कहा, 'अधिकांश बिक्री ग्रामीण भारत से आती है जहां मोटरबाइक को पसंद किया जाता है।' ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मुख्य विपणन अधिकारी वरुण दुबे ने कहा कि भारत में दोपहिया वाहनों की पैठ अभी कम है जो करीब 12 फीसदी पर है। उनका मानना है कि इसमें अगले कुछ वर्षों में सुधार होगा और वह वियतनाम एवं इंडोनेशिया की तरह 30 से 40 फीसदी तक पहुंच जाएगी। ऐसे में ओला का मानना है कि पूरा दोपहिया बाजार अगले चार साल में इलेक्ट्रिक हो जाएगा।
