वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात लगातार 11वें महीने अक्टूबर में बढ़कर 35.65 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 43 प्रतिशत ज्यादा है। विदेश से लगातार मांग तेज रहने के कारण ऐसा हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि इंजीनियरिंग के सामान, पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण के साथ कार्बनिक एवं अकार्बनिक रसायन के साथ अन्य वस्तुओं की ज्यादा मांग के कारण निर्यात बढ़ा है। अगर हम कोविड के पहले अक्टूबर 2019 में हुए निर्यात से तुलना करें तो मूल्य के हिसाब से वस्तुओं का निर्यात करीब 36 प्रतिशत ज्यादा है। निर्यात करीब एक साल से तेजी पर है और पश्चिम के प्रमुख बाजारों में धीरे धीरे रिकवरी होने के साथ पिछले 8 महीने से 30 अरब डॉलर के ऊपर निर्यात हो रहा है। एमवीआईआरडीसी वल्र्ड ट्रेड सेंटर मुंबई के चेयरमैन विजय कलांत्री ने कहा कि उपभोक्ता वस्तुओं की 8 श्रेणियों- कालीन, हस्तशिल्प, चमड़े के सामान, मसालों, समुद्री उत्पाद, मांस (पॉल्ट्री और डेरी उत्पाद सहित), प्लास्टिक और इलेक्ट्रॉनिक सामान की वैश्विक मांग मजबूत है और भविष्य में मांग में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। कलांत्री ने कहा, 'निर्यात में इन 8 सामानों की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत है। हम उम्मीद करते हैं कि इन 7 सामानों की वैश्श्विक मांग आने वाले महीनों में और बढ़ेगी क्योंकि महामारी के निचले स्तर की तुलना में आर्थिक वृद्धि और लोगों की आमदनी बढ़ रही है।' कुल मिलाकर देखें तो अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारत का वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात 233.54 अरब डॉलर रहा है, जो एक साल पहले की तुलना में 55.23 प्रतिशत और 2019 की समान अवधि की तुलना में 26 प्रतिशत ज्यादा है। इससे यह पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर निर्यात लक्ष्य का 58 प्रतिशत लक्ष्य अब तक हासिल हो चुका है। अक्टूबर में आयात में भी तेजी जारी रही। त्योहारों के मौसम के कारण भारत ने 55.37 अरब डॉलर का आयात किया, जो पिछले साल की तुलना में 62.5 प्रतिशत और अक्टूबर, 2019 की तुलना में 45.7 प्रतिशत ज्यादा है। बहरहाल अक्टूबरमें व्यापार घाटा गिरकर 19.73 अरब डॉलर रहा, जो सितंबर में बढ़कर 22.59 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। व्यापार घाटा बहुत बढऩे की प्रमुख वजह त्योहारों के मौसम के पहले वस्तुओं के आयात में तेजी और जिंसों के दाम में बढ़ोतरी है। इंडिया एग्जिम बैंक में शोध व विश्लेषण के मुख्य महाप्रबंधक प्रहलादन अय्यर ने कहा, 'यह लगातार दूसरा महीना है, जब आयात 55 अरब डॉलर के पार चला गया है। इसमें गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न एवं आभूषण आयात की हिस्सेदारी 32 अरब डॉलर है। इससे पता चलता है कि मशीनों व कच्चे माल की मांग विनिर्माण गतिविधियों में बढ़ रही है। हालांकि इससे व्यापार घाटा बढ़ेगा और उससे जुड़ी चुनौतियां सामने आएंगी, लेकिन अर्थव्यवस्था की बहाली के लिए इसमें वृद्धि जरूरी है।' गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न एवं आभूषण का निर्यात अक्टूबर महीने में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 26.7 प्रतिशत बढ़कर 26.09 अरब डॉलर हो गया है। वहीं अक्टूबर, 2019 की तुलना में इसमें 37 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
