► पहले जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में पिछली सरकारों पर बरसे प्रधानमंत्री मोदी ► आदिवासी समुदाय के लिए कई घोषणाएं ► निजी भागीदारी से विकसित देश के पहले रेलवे स्टेशन रानी कमलापति का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भोपाल के जंबूरी मैदान में पहले 'जनजातीय गौरव दिवस' समारोह को संबोधित करते हुए अतीत की सरकारों पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, 'जब हम राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदाय के योगदान की बात करते हैं तो कुछ लोगों को हैरानी होती है। ऐसे लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि जनजातीय समाज का भारत की संस्कृति को मजबूत बनाने में कितना बड़ा योगदान रहा है। देश को अंधेरे में रखा गया। यदि बताया भी गया तो बहुत सीमित जानकारी दी गई। आजादी के बाद इतने दशक तक सरकार चलाने वालों ने अपने स्वार्थ को प्राथमिकता दी। दशकों तक इनकी संस्कृति और क्षमताओं की अनदेखी की गई। उनके मुद्दों, स्वास्थ्य और शिक्षा को कोई महत्त्व नहीं दिया गया।' आदिवासी स्वातंत्र्य योद्धा बिरसा मुंडा के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज देश पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है। आजादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज की कला और संस्कृति तथा देश की आजादी तथा राष्ट्र निर्माण में उसके योगदान को गौरवपूर्वक याद और सम्मानित किया जा रहा है।' पिछली सरकारों द्वारा आदिवासी सृजन को बाजार से न जोड़े जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पहले जहां 8-10 वनोपज पर एमएसपी दिया जाता था वहीं उनकी सरकार 90 वनोपज पर एमएसपी प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश 'राशन आपके ग्राम' योजना, मध्य प्रदेश 'सिकल सेल' मिशन की घोषणा भी की। कार्यक्रम के लिए आदिवासी बहुल जिलों से आदिवासियों को एक दिन पहले ही राजधानी तथा आसपास के जिलों में ठहरा दिया गया था। सूत्रों की मानें तो सोमवार को करीब 7,000 वाहनों की मदद से प्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों से दो लाख से अधिक लोगों को जंबूरी मैदान पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री ने देश में निजी क्षेत्र की मदद से विकसित पहले आधुनिक रेलवे स्टेशन रानी कमलापति का भी लोकार्पण किया। पहले हबीबगंज के नाम से जाने जाने वाले इस स्टेशन को गोंड रानी कमलापति का नाम दिया गया है। करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से विकसित इस स्टेशन के नये नामकरण पर कांग्रेस ने यह कहते हुए आपत्ति जताई है कि भाजपा आदिवासियों के नाम पर राजनीति कर रही है। आयोजन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित थे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को आदिवासी बहुल इलाकों में अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में इन दोनों घटनाओं को पार्टी की भविष्य की राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। 1.2 करोड़ से अधिक आबादी वाले गोंड देश के सबसे बड़ आदिवासी समुदाय में आते हैं। मध्य प्रदेश में भी गोंड तथा उनकी उपजातियां बहुत बड़ी तादाद में रहती हैं।
