ऑटो डेबिट पेमेंट बाउंस अक्टूबर में और कम हुआ है। नैशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच) के माध्यम से असफल ऑटो डेबिट अनुरोध मात्रा व मूल्य के हिसाब से कोविड के पहले के स्तर पर पहुंच गया है। इससे कर्जदाताओं की वसूली में पिछले कुछ महीनों में उल्लेखनीय सुधार आया है। एनएसीएच के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में 8.66 करोड़ ट्रांजैक्शन की पहल की गई, जिसमें से 2.7 करोड़ या 31.24 प्रतिशत ट्रांजैक्शन असफल रहे, जबकि 5.952 करोड़ सफल रहे। मूल्य के हिसाब से देखें तो अक्टूबर महीने में 24.83 प्रतिशत लेन-देन असफल रहे हैं, जो जनवरी, 2020 के बाद का न्यूनतम स्तर है। सितंबर महीने में बाउंस की दर संख्या के हिसाब से 31.7 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 25.4 प्रतिशत थी। कोविड-19 के आने के पहले फरवरी, 2020 में बाउंस की दर संख्या व मूल्य के हिसाब से क्रमश: 31.5 और 24.5 प्रतिशत थी। एनएसीएल प्लेटफॉर्म से असफल ऑटो डेबिट अनुरोध को सामान्यतया बाउंस रेट कहते हैं। मैक्वायर कैपिटल के एसोसिएट डायरेक्टर सुरेश गणपति ने कहा, 'इससे प्रमुख बैंकों की वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में कलेक्शन की रिकवरी की स्थिति का पता चलता है। हमारे विचार से दीवाली में मजबूत बिक्री और सभी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढऩे के कारण आने वाले दिनों में बाउंस दर और कम होगी।' उन्होंने कहा, 'बाउंस दरें कोविड के पहले के महीने जनवरी, 2020 और फरवरी, 2020 के स्तर पर थीं और मूल्य के हिसाब से जनवरी-मार्च, 2021 की तुलना में बेहतर हैं, जो रिकवरी के हिसाब से पिछली साल की बेहतरीन तिमाही थी। मासिक आधार पर देखें तो बाउंस दरें संख्या व मूल्य के आधार पर 50-60 आधार अंक कम हुई हैं, जो उत्साहजनक है।' एनएसीएच, एनपीसीआई द्वारा संचालित बड़ी भुगतान प्रणाली है, जिसमें एक या इसे ज्यादा क्रेडिट ट्रांसफर किया जा सकता है और इसके माध्यम से लाभांश, ब्याज, वेतन, पेंशन आदि का भुगतान होता है। इससे बिजली, गैस, टेलीफोन, पानी, कर्ज की नियमित किस्तों, म्युचुअल फंड में निवेश, बीमा प्रीमियम आदि का भुगतान किया जा सकता है। इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग के वाइस प्रेसीडेंट अनिल गुप्ता ने कहा, 'मात्रा व मूल्य दोनों हिसाब से बाउंस की दरें कोविड के पहले के स्तर पर पहुंच गई हैं। इससे पता चलता है कि त्योहारी मौसम के दौरान आर्थिक गतिविधियां बहाल हुई हैं व कमाई और नकदी प्रवाह बढ़ा है।'
