बाजार में सकारात्मक माहौल और लगातार दर्ज हो रही तेजी से इक्विटी व हाइब्रिड म्युचुअल फंडों में अक्टूबर मेंं निवेशकों का आकर्षण बना रहा। हालांकि अक्टूबर में इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश 5,215 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले महीने के मुकाबले 40 फीसदी कम है। इसकी वजह यह है कि उच्च मूल्यांकन को देखते हुए संभावित तौर पर कुछ मुनाफावसूली हुई। ईएलएसएस और वैल्यू/कॉन्ट्रा योजनाओं को छोड़कर बाकी सभी इक्विटी योजनाओं में निवेश सकारात्मक रहा। यह लगातार आठवां महीना है जब इस श्रेणी में शुद्ध निवेश हुआ और मार्च से अब तक कुल निवेश 73,666 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पहले इक्विटी फंडों से लगातार आठ महीने शुद्ध निकासी देखने को मिली थी और जुलाई 2020 से फरवरी 2021 तक कुल 46,791 करोड़ रुपये की निवेश निकासी हुई थी। अक्टूबर में हाइब्रिड योजनाओं में 10,437 करोड़ रुपये निवेश हुआ, जो एक महीने पहले के मुकाबले 190 फीसदी ज्यादा है। इस श्रेणी में वित्त वर्ष 22 के दौरान कुल निवेश 79,431 करोड़ रुपये रहा। फंड ऑफ फंड्स, इंडेक्स फंड्स और ईटीएफ में भी अक्टूबर में निवेश सकारात्मक रहा और कुल मिलाकर 10,759 करोड़ रुपये का निवेश आया। एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, यह देखना काफी सुखद है कि निवेशक वैसी योजनाओं चुन रहे हैं जो बैलेंस्ड एडवांटेज स्कीम्स, फ्लेक्सीकैप स्कीम्स के जरिए डेट व इक्विटी की पेशकश कर रही हैं और वे म्युचुअल फंडों का चयन लंबी अवधि की वित्तीय योजना के लिए कर रहे हैं, यानी रिटायरमेंट व बच्चों के लिए। ये चीजें मासिक एसआईपी योगदान में स्पष्ट हुआ है जो 10,518 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कारोबारी गतिविधियां बहाल होने और टीकाकरण में तेजी ने अर्थव्यवस्था के बढ़त के परिदृश्य में सुधार किया है। साथ ही आर्थिक सुधार की उम्मीद में बाजार अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है और इस तरह से महामारी की तीसरी लहर की संभावना से जुड़े जोखिम व अन्य चिंता को दरकिनार किया है। अक्टूबर में एमएफ खाते की संख्या 11.43 करोड़ रही। एसआईपी खाते अक्टूबर 2021 में अब तक के सर्वोच्च स्तर 4.64 करोड़ पर पहुंच गए, जो सितंबर में 4.48 करोड़ थे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, बाजारों में तेजी और उच्च रिटर्न ने कई निवेशकों को इक्विटी म्युचुअल फंडों की ओर खींचा है। पारंपरिक निवेश में अपेक्षाकृत कम रिटर्न ने इक्विटी म्युचुअल फंडों को निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बना दिया है। साथ ही एसआईपी खाते लगातार बढ़ रहे हैं और इक्विटी योजनाओं में मार्च से लगातार मजबूत निवेश आ रहा है। महंगे मूल्यांकन की चिंता के बीच खास तौर से अक्टूबर केदूसरे हिस्से में इक्विटी बाजार अस्थिर हो गया था। भारतीय म्युचुअल फंड उद्योग का औसत एयूएम व शुद्ध एयूएम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और अक्टूबर में क्रमश: 38.2 लाख करोड़ ररुपये व 37.3 लाख करोड़ रुपये रहा।
