क्रूज मादक पदार्थ मामले में लगातार हमलावर रहे महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मलिक और उनके परिवार के सदस्यों ने अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों के साथ भूमि सौदे किए। लेकिन जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे, तब उनके पास यह जानकारी नहीं थी। दूसरी तरफ समीर वानखेडे के पिता ज्ञानदेव वानखेडे ने मलिक के खिलाफ झूठी एवं अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मलिक ने इस महीने की शुरुआत में मादक पदार्थ के एक कथित तस्कर के साथ भारतीय जनता पार्टी के संबंधों को लेकर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी अमृता फडणवीस के साथ कथित तस्कर की तस्वीर भी ट्वीट की थी। मलिक ने फडणवीस की ऐसी ही एक तस्वीर भी पोस्ट की थी। फडणवीस ने तब कहा था कि वह दीवाली के बाद मलिक के अंडरवल्र्ड से संबंधों का खुलासा करेंगे और राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के साथ भी यह साझा करेंगे। फडणवीस ने कहा कि नवाब मलिक और उनके परिवार के सदस्य एक कंपनी से जुड़े हुए थे जिसने कुछ फर्जी दस्तावेज बनाकर बहुत कम कीमत पर मुंबई के कुर्ला इलाके में जमीन खरीदी थी। जमीन खरीदने के ऐसे चार सौदे हुए जिसमें वह दृढ़ता से कह सकते हैं कि मलिक ने अंडरवल्र्ड के साथ मिलकर भूमि सौदे किए। फडणवीस ने दावा किया कि जमीन सरदार शाहवली खान और सलीम इसाक पटेल से खरीदी गई जिन्हें 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्होंने पूछा कि मलिक ने मुंबईवासियों के हत्यारों के साथ सौदा क्यों किया? भाजपा नेता ने कहा कि एक और सवाल पैदा होता है कि इन दो आरोपियों ने अपनी जमीन मलिक को क्यों बेची? वे तत्कालीन टाडा कानून के तहत दोषी ठहराए जाने वाले थे। कानूनी प्रावधान के अनुसार, दोषियों की सभी संपत्तियां कुर्क कर ली जाती है और सरकार के नियंत्रण में आ जाती है। क्या मलिक ने प्रमुख स्थानों पर ऐसी जमीन को कुर्क किए जाने से बचाने के लिए उनकी मदद की, फडणवीस ने दावा किया कि मलिक के बेटे फराज मलिक ने सरदार शाहवली खान और सलीम इसाक पटेल के साथ कुर्ला भूमि सौदे के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। फडणवीस ने कहा कि उनके पास पहले यह जानकारी नहीं थी। अगर पहले पता चल जाता तो वह मलिक का पहले ही पर्दाफाश कर देते। उन्होंने कहा, 'मैं ये दस्तावेज उचित प्राधिकरणों जैसे कि सीबीआई, ईडी या एनआईए के समक्ष पेश करूंगा। मैं राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ भी इसकी एक प्रति साझा करूंगा।' ज्ञानदेव वानखेडे ने मलिक के खिलाफ उनके, उनके परिवार तथा उनकी जाति को लेकर कथित तौर पर झूठी एवं अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। ज्ञानदेव ने ओशिवरा संभाग के सहायक पुलिस आयुक्त से संपर्क किया और लिखित शिकायत दी। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के तहत मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। ज्ञानदेव ने कहा कि हम महार समुदाय से नाता रखते हैं, जो कि एक अनुसूचित जाति है। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की धारा 503 के तहत मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि मलिक अपनी व्यक्तिगत रंजिश के कारण उनकी बेटी यास्मीन की गतिविधियों पर ऑनलाइन नजर रख रहे हैं और उसके सोशल मीडिया अकाउंट जैसे कि इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि से उसकी निजी तस्वीरों को लेकर गैरकानूनी रूप से उन्हें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित कर रहे हैं। मंत्री सीधे तौर पर धमकी दे रहे हैं और अपने दामाद समीर खान के खिलाफ दर्ज मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए हथकंडे अपना रहे हैं। ज्ञानदेव वानखेडे ने मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है, जिसमें उनके बेटे समीर वानखेडे और परिवार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए मंत्री से 1.25 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा गया है। गौरतलब है कि मलिक ने एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद से ही स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई क्षेत्र के निदेशक समीर वानखेडे के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। क्रूज जहाज पर कथित मादक पदार्थ बरामद किए जाने के मामले में अभिनेता शाहरुख खान का बेटा आर्यन खान भी आरोपी है। राकांपा नेता के दामाद समीर खान को भी एनसीबी ने इस साल की शुरुआत में कथित मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें अदालत से जमानत मिल गई थी। फडणवीस ने 1 नवंबर को कहा था कि एनसीबी पर मलिक के हमले मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश है ताकि उनके दामाद के खिलाफ मामला कमजोर हो जाए।
