देसी स्टॉक एक्सचेंजों ने अगले साल 25 फरवरी से चरणबद्घ तरीके से टी+1 निपटान व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत बाजार पूंजीकरण के लिहाज से नीचे के 100 शेयरों के साथ की जाएगी। मार्च 2022 से प्रत्येक महीने के अंतिम शुक्रवार को (या अगले कारोबारी सत्र में) बाजार पूंजीकरण के हिसाब से अगले 500 शेयरों को टी+1 निपटान व्यवस्था के तहत लाया जाएगा। इस व्यवस्था को चरणबद्घ तरीके से इसलिए शुरू किया जा रहा है ताकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों सहित बाजार के सभी भागीदारों को निपटान की नई व्यवस्था अपनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 7 सितंबर, 2021 को स्टॉक एक्सचेंजों को 1 जनवरी से विकल्प के तौर पर टी+1 निपटान चक्र लागू करने की अनुमति दी थी। लेकिन चिंता इस बात की थी कि एक ही तरह की प्रतिभूतियों के लिए एक एक्सचेंज पर टी+1 निपटान चक्र और दूसरे पर टी+2 निपटान चक्र होने से निपटान व्यवस्था में जटिलता आएगी और जोखिम बढ़ेगा। बीएनपी पारिबा में निदेशक और भारत में प्रतिभूति सेवाओं के प्रमुख अक्षय ठाकुरदेसाई ने कहा, 'यह सकारात्मक कदम है और विदेशी संस्थागत निवेशकों, ब्रोकरों तथा बैंकों को जरूरी व्यवस्था करने के लिए पर्याप्त समय चाहिए। एक्सचेंजों के स्पष्ट दिशानिर्देश से टी+1 निपटान व्यवस्था सुगमतापूर्वक शुरू करना सुनिश्चित होगा।' डॉयचे बैंक इंडिया में सह-प्रमुख (ग्लोबल ट्रांजेक्शन बैंकिंग) श्रीराम कृष्णन ने कहा कि टी+1 निपटान व्यवस्था का स्पष्ट खाका पेश किया गया है। इससे पहले की सभी अनिश्चितताएं दूर होंगी और विदेशी निवेशकों को भी तैयारी के लिए काफी वक्त मिलेगा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और उनके सेवा प्रदाता अभी जो व्यवस्था अपना रहे हैं, उसमें एक ही बाजार के लिए अलग-अलग निपटान चक्र हेतु कोड तैयार करने की क्षमता नहीं है। इससे परिचालन संबंधी चुनौतियां आ सकती हैं। आज की घोषणा के अनुसार स्टॉक एक्सचेंजों - बीएसई, एनएसई और एमएसईआई पर सूचीबद्घ सभी शेयरों को अक्टूबर महीने के उनके औसत दैनिक बाजार पूंजीकरण के आधार पर घटते क्रम में रैंकिंग दी जाएगी। किसी शेयर के एक से अधिक एक्सचेंज पर सूचीबद्घ होने से उनके बाजार पूंजीकरण की गणना उस एक्सचेंज पर उक्त कंपनी के शेयर भाव पर की जाएगी, जहां उनका ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक होगा। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम या अन्य किसी वजह से अगर कोई शेयर अक्टूबर 2021 के बाद सूचीबद्घ होता है तो उनके 30 दिन के औसत ट्रेडिंग मूल्य के आधार पर उसके बाजार पूंजीकरण की गणना की जाएगी।
