अक्टूबर महीने में भी वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में तेजी बनी रही। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 42 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 35.47 अरब डॉलर का निर्यात हुआ है। यह वृद्धि इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषण के साथ कार्बनिक व अकार्बनिक रसायनों की मांग में बढ़ोतरी की वजह से हुई है। कोविड के पहले की अवधि की तुलना में निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अक्टूबर, 2019 के 26.23 अरब डॉलर की तुलना में वृद्धि 35.21 प्रतिशत रही है। कुल मिलाकर अप्रैल-अक्टूबर की तुलना में भारत के वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात 232.58 अरब डॉलर रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना मेंं 54.51 प्रतिशत ज्यादा और 2019 की समान अवधि की तुलना में एक चौथाई ज्यादा है। इस हिसाब से भारत के 400 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य की तुलना में भारत ने 58 प्रतिशत लक्ष्य इस अवधि के दौरान हासिल कर लिया है। आयात भी लगातार उच्च स्तर पर बना हुआ है। खासकर त्योहारों के मौसम के कारण ऐसा हुआ है। भारत ने 55.37 अरब डॉलर के सामान का आयात किया है, जो पिछले साल की तुलना में 62.49 प्रतिशत ज्यादा है और अक्टूबर, 2019 की तुलना में 45.76 प्रतिशत ज्यादा है। बहरहाल अक्टूबर महीने में व्यापार घाटा गिरकर 19.9 अरब डॉलर रह गया है, जो सितंबर में 22.59 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इसकी मुख्य वजह त्योहार का मौसम और जिंसों के दाम में बढ़ोतरी है। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, 'वाणिज्यिक व्यापार घाटा अक्टूबर में थोड़ा कम होकर 19.9 अरब डॉलर रहा, जो सितंबर, 2021 में 22.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था। यह गैर तेल निर्यात के कारण बढ़ा है और इसे तेल आयात में कमी का सहारा मिला है, जो इसके पहले महीने में तेज था।' फेडरेशन आफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइेशन (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि मासिक निर्यात 35.47 अरब डॉलर और 42 प्रतिशत से ज्यादा दो अंकों की वृद्धि दर से अर्थव्यवस्थाओं की आगे और रिकवरी की उम्मीदों का पता चलता है और विभिन्न क्षेत्रों में बुङ्क्षकग की स्थिति से आगे और बेहतरी की संभावना है। इंजीनियरिंग ऐंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन महेश देसाई ने कहा कि इस वृद्धि दर के हिसाब से देखें तो हम चालू वित्त वर्ष के दौरान निर्यात के लक्ष्य से आगे बढ़ सकते हैं।
