विज्ञापन और प्रोत्साहन खर्चों में भारी वृद्घि से सितंबर तिमाही में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के परिचालन प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा। टाटा टी और टाटा कॉफी की निर्माता के लिए समेकित परिचालन मुनाफा मार्जिन (ओपीएम) 74 आधार अंक तक घटकर 13.6 प्रतिशत रह गया, क्योंकि विपणन खर्च एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 27 प्रतिशत तक बढ़ गया था। स्टैंडअलोन आधार पर, विज्ञापन खर्च 47 प्रतिशत तक बढ़ा। ओपीएम में गिरावट सकल मार्जिन में सालाना आधार पर 194 आधार अंक तक की वृद्घि के बावजूद आई। कंपनी ने संकेत दिया है कि विपणन खर्च ऊंचा बना रहेगा। प्रबंधन ने टी सेगमेंट, प्रीमियम साल्ट और संपन्न प्रोडक्ट पोर्टफोलियो पर खर्च बढ़ाने की योजना बनाई है। जहां इससे लागत बढ़ेगी, वहीं कंपनी का मानना है कि यह प्रतिस्पर्धी ताकत बढ़ाने और अपने प्रतिस्पर्धियों के अनुरूप आगे बढऩे के लिए जरूरी है। बिक्री के प्रतिशत के तौर पर विज्ञापन खर्च मुख्य व्यवसाय में सालाना आधार पर 150 आधार अंक तक बढ़कर 6.6 प्रतिशत तक पहुंच गया है। हालांकि कुछ ऊंचे खर्च से कंपनी को अपनी बाजार भागीदारी बढ़ाने में भी मदद मिल रही है। बाजार शोध फर्म नीलसन के अनुसार, जहां उसने चाय खंड में 168 आधार अंक तक का इजाफा दर्ज किया है, वहीं अगस्त के अंत तक साल्ट सेगमेंट में उसकी वृद्घि 300 आधार अंक की रही। ब्रांड निर्माण के अलावा, कंपनी ने इस पर भी ध्यान दिया है कि वितरण, नवाचार और चाय खंड में कीमत वृद्घि से उसे पिछले 18 महीनों में छोटी कंपनियों के साथ साथ असंगठित सेगमेंट से अपनी भागीदारी बढ़ाने में मदद मिली। जहां भारत के वेरेज सेगमेंट में ज्यादातर बढ़त कीमत वृद्घि के जरिये हासिल हुई है, वहीं बिक्री वृद्घि ऊंचे आधार पर 2 प्रतिशत तक सीमित रही। कंपनी का मानना है कि व्यवसाय मध्यावधि के दौरान मध्यम से लेकर ऊंचे एक अंक की वद्घि बरकरार रखने में सफल रहेगा। जहां चाय खरीद कीमतों में नरमी और कीमत वृद्घि से कंपनी को भारतीय बेवरेज वयवसाय में मदद मिली और सेगमेंट का मार्जिन सालाना आधार पर 40 आधार अंक तक बढ़ा, वहीं भारतीय खाद्य श्रेणी के व्यवसाय का मार्जिन 550 आधार अंक तक घट गया। विज्ञापन लागत के अलावा, पैकेजिंग, ढुलाई और लॉजिस्टिक से भी इस सेगमेंट पर दबाव बढ़ा। कंपनी लागत को तर्कसंगत बनाकर और राजस्व प्रबंधन के उपायों के जरिये इस दबाव को दूर करने की संभावना तलाश रही है। सितंबर 2019 के स्तरों के मुकाबले स्टोरों प बिक्री 94 प्रतिशत पर पहुंचने से टाटा स्टारबक्स संयुक्त उपक्रम ने सुधार दर्ज किया। नॉरिशको सेगमेंट (ग्लूको, फ्रस्की, हिमालयन) ने भी अच्छी तेजी दर्ज की, क्योंकि आउट ऑफ होम कैटेगरी में तेजी बरकरार रही। अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय एक साल पहले की तिमाही में ऊंचे आधार की वजह से सपाट बना रहा, हालांकि भविष्य में रुझान सुधरने से हालात सामान्य होने की संभावना है।
