रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) से आधा कन्वेंस शुल्क संग्रह करने के अपने निर्णय को वापस ले लिया। यह निर्णय आईआरसीटीसी अधिकारियों द्वारा रेल मंत्रालय और सरकार के अन्य विभागों (निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग-दीपम समेत) के साथ बातचीत के बाद लिया गया है। दिन के शुरू में, दीपम सचिव तुहिन कांत पांडे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया था कि आईआरसीटीसी से आधा कन्वेंस शुल्क लेने से संबंधित रेल मंत्रालय का निर्णय वापस ले लिया गया है। दीपम ने सुबह 11.06 बजे और फिर दोपहर 2.52 बजे ट्वीट कर इस निर्णय की जानकारी दी। इन घटनाक्रम का आईआरसीटीसी के शेयर भाव पर पूरे दिन असर देखा गया। शुक्रवार को कंपनी का शेयर एनएसई पर 822.15 रुपये पर खुला और फिर यह सुबह 10 बजे तक गिरकर 685.15 रुपये पर आ गया था। शेयर 11.15 बजे तक तेजी से सुधरकर 891.70 रुपये पर पहुंच गया और फिर कारोबार के अंत में 845.70 रुपये पर बंद हुआ। रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, रेलवे बोर्ड द्वारा 50 प्रतिशत कन्वेंस शुल्क राजस्व की मांग वापस लेने का निर्णय आईआरसीटीसी प्रबंधन के अनुरोध के बाद लिया गया था। एक अधिकारी ने कहा, 'आईआरसीटीसी का कहना है कि उसे महामारी के दौरान व्यवसाय नुकसान का सामना करना पड़ा और राजस्व साझा करना ऐसी स्थिति में उचित नहीं होगा।' गुरुवार को स्टॉक एक्सचेंजों को दी जानकारी में आईआरसीटीसी ने कहा, 'रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी द्वारा एकत्रित कन्वेंस शुल्क से राजस्व 1 नवंबर से 50:50 के अनुपात में साझा किए जाने के अपने निर्णय से अवगत करा दिया है।' इससे शेयर बाजार विश्लेषकों में बेचैनी पैदा हो गई थी और आईआरसीटीसी के शेयर पर दबाव बढ़ गया था। इन घटनाक्रम से अवगत एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'सरकारी विभागों के बीच तालमेल का कुछ हद तक अभाव दिख रहा है।
