क्रूज मादक पदार्थ मामले में अदालती उतार-चढ़ाव के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मालिक ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और उसके क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी तो वानखेड़े भी पलटवार कर रहे हैं। राजनीतिक दखलंदाजी के बीच एनसीबी ने वसूली मामले में अपने अधिकारी के ऊपर जांच बैठा दी तथा एनसीबी और वानखेड़े ने अदालत में हलफनामे दाखिल कर मलिक पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। एनसीबी ने 3 अक्टूबर को मुंबई के तट के पास एक क्रूज (पोत) पर छापेमारी के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने क्रूज से मादक पदार्थ जब्त करने का दावा किया है। वानखेड़े ने अदालत में दाखिल हलफनामे में उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि उन पर लगातार गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें कुछ जानी मानी राजनीतिक हस्तियों ने भी निशाना बनाया है और इसके पीछे केवल एक ही कारण समझ आता है क्योंकि एनसीबी ने नवाब मलिक के दामाद समीर खान को गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने हलफनामे में अनुरोध किया है कि मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ और जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए। मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि एनसीबी के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोडऩे के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है। सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को 3 अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था क्योंकि उन्हें आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को देने थे। सैल ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेंगे। एनसीबी और वानखेड़े ने सोमवार को अदालत को सौंपे गए अपने हलफनामे में इन दावों को खारिज किया है। वानखेड़े ने हलफनामे में कहा कि क्रूज मादक पदार्थ मामले की जांच की अगुआई करने के बाद से कई जाने.माने राजनेता उन्हें निजी तौर पर निशाना बना रह हैं। वानखेड़े ने दावा किया कि उनके और उनके परिवार से व्यक्तिगत बदला लिया जा रहा है और उन पर लगातार गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है क्योंकि ईमानदार एवं निष्पक्ष जांच कुछ निर्हित स्वार्थों के अनुकूल नहीं है। वानखेड़े ने कहा कि वह खुद को बेकसूर साबित करने के लिए जांच का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में समाज के उच्च वर्ग के कुछ प्रभावशाली और संपन्न लोग शामिल हैं जिस कारण उन्हें गिरफ्तारी सहित हर प्रकार की धमकी दी जा रही है। एनसीबी ने हलफनामे में वानखेड़े और अन्य अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों को पूरी तरह गलत, गुमराह करने वाला, नुकसान पहुंचाने वाला और एनसीबी जैसी स्वतंत्र एजेंसी की छवि खराब करने का प्रयास बताया। एनसीबी के अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली और धन के हस्तांतरण के आरोप चल रही जांच को कमजोर करनेए दुर्भावनापूर्ण तथा गुप्त मकसद से दबाव बनाने का एक स्पष्ट प्रयास है। एनसीबी ने कहा कि वानखेड़े तथा उसके अन्य अधिकारियों का रिकॉर्ड एकदम साफ है और वे शहर को मादक पदार्थों से मुक्त करने के लिए ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा से काम कर रहे हैं। एनसीबी के लिए विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना ने सोमवार को अदालत में हलफनामा दाखिल किया। सेठना ने अदालत से कहा कि सैल कुछ सबूतों को सार्वजनिक करने की धमकी दे रहा हैए जो मामले की जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उचित आदेश पारित किया जाना चाहिए। आर्यन खान को छोडऩे के लिए 25 करोड़ रुपये मांगने संबंधी दावे पर एनसीबी सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं। एनसीबी के उत्तरी क्षेत्र के उप महानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह यह जांच करेंगे।
