देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 2,187 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 9 फीसदी अधिक है। हालांकि यह ब्लूमबर्ग के 2,195 करोड़ रुपये के अनुमान से थोड़ा कम है।
राजस्व के मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन करने के बावजूद लागत बढऩे के कारण परिचालन प्रदर्शन के साथ-साथ मुनाफे पर असर पड़ा। एचयूएल ने अपनी तीन में से दो श्रेणियों में दो अंकों की वृद्धि दर्ज करने के साथ राजस्व में 11 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। हालांक तिमाही के दौरान मात्रात्मक बिक्री में महज 4 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि जून तिमाही में यह आंकड़ा 9 फीसदी रहा था। इसके साथ ही कंपनी ने संकेत दिया कि इसकी मुख्य वजह दूसरी तिमाही के लिए उच्च आधार रही। कंपनी ने कहा कि उसके 75 फीसदी कारोबार ने बाजार हिस्सेदारी और पहुंच में वृद्धि दर्ज की है। राजस्व में शेष वृद्धि उत्पादों के दाम बढ़ाए जाने से हासिल हुई।
अच्छे प्रदर्शन के बावजूद स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार के दौरान कंपनी के शेयर में नरमी दर्ज की गई। बाजार को मुख्य तौर पर दो बातों की चिंता थी। पहला, ग्रामीण बाजार की बिक्री में सुस्ती। नीलसन के एफएमसीजी डेटा से पता चलता है कि अगस्त से सितंबर की अवधि में ग्रामीण वृद्धि में भारी गिरावट आई है और अब शहरी क्षेत्र में एक तिहाई वृद्धि दर्ज की गई है। बाजार अनुसंधान फर्म के अनुसार, जनवरी से जुलाई की अवधि में शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों में वृद्धि लगभग समान थी। एचयूएल के प्रबंधन ने भी पिछले कुछ सप्ताह के दौरान ग्रामीण मांग में नरमी के संकेत दिए हैं। हालांकि उसके कारणों के बारे में स्पष्ट तौर पर कोई जानकारी नहीं दी गई है लेकिन बेमौसम बारिश और उच्च आधार उसके कारण हो सकते हैं।
दूसरी चिंता मार्जिन के मोर्चे पर है। कच्चे तेल के साथ-साथ पाम ऑयल की कीमतों में तेजी के कारण परिचालन लाभ मार्जिन में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 40 आधार अंकों की गिरावट दर्ज की गई। साबुन और होमकेयर ऐसे दो उत्पाद पोर्टफोलियो हैं जहां कच्चे माल की कीमतों में तेजी का सबसे अधिक दबाव झेलना पड़ रहा है। कंपनी ने संकेत दिया है कि कच्चे माल के साथ-साथ पैकेजिंग एवं माल ढुलाई की लागत बढऩे के कारण लघु अवधि में दबाव बरकरार रहेगा।